बहराइच. बहराइच के मुकेरिया गांव में मां के साथ चारपाई पर सो रहे एक सात वर्षीय बालक को उठाकर तेंदुए ने अपना निवाला बना लिया। सुबह बालक का क्षत-विक्षत शव गांव से कुछ दूर बाग में पड़ा मिला। नाराज ग्रामीणों ने बहराइच-खैरीघाट मार्ग पर चक्का जाम कर उग्र प्रदर्शन किया। इससे लगभग साढ़े चार घंटे तक आवागमन बाधित रहा। हंगामे की सूचना पर मौके पर पहुंचे सीओ पुलिस फोर्स के लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया। घटना के बाद मुकेरिया व आसपास के गांवों में दहशत व्याप्त है।
मासूम का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला
जानकारी के मुताबिक गुरुवार रात रमेश पाल नाम के एक खेतिहर किसान के छह वर्षीय बेटा संजय अपनी मां के साथ चारपाई पर सो रहा था, तभी जंगल से भटक कर घर में घुसा तेंदुआ मासूम को उठा ले गया। कुछ देर बाद जब मां की आंख खुली तो बेटा चारपाई पर नहीं मिला। चारपाई के पास खून के छींटे देख मां के होश उड़ गए। उसने शोर मचाना शुरू कर दिया। महिला की चीख पुकार सुनकर परिवारीजन व आसपास के ग्रामीण मौके पर जुट गए। ग्रामीणों ने बालक की खोजबीन शुरू की। खून की छींटों के सहारे ग्रामीण जब बाग की ओर बढ़े तो गांव से कुछ ही दूरी पर मासूम का क्षत-विक्षत शव पड़ा मिला। शव मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पाकर डीएफओ आरपी सिंह, एसडीएम नागेंद्र कुमार, सीओ श्रेष्ठा ठाकुर, प्रवीण कुमार, क्षेत्रीय वनाधिकारी रूस्तम परवेज समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए। साथ ही आसपास के थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घटना के तुरंत बाद डीएफओ ने टीम गठित कर गांव में कैंप करने व तेंदुए को पकडऩे के निर्देश वनकर्मियों को दिए हैं।
भड़क गए ग्रामीण तो पुलिस के हाथ-पांव फूले
बालक का छत-विक्षत शव बरामद होने के बाद इलाके के हजारों ग्रामीणों का आक्रोश पुलिस और प्रसासन के खिलाफ भड़क गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने बहराइच-खैरीघाट मार्ग पर चक्का जाम कर दिया और नारेबाजी करने लगे। ग्रामीणों को काबू करने में पुलिस के हाथ-पांव फू गए। माहौल को देखते हुए वाइल्ड लाइफ सिस्टम के जानकर और सीओ ने ग्रामीणों की सुरक्षा व आदमखोर तेंदुए की डब्ल्यूटीआई टीम आने तक अपनी तरफ से तीन टीमों का गठन कर मौके की निगरानी का जिम्मा सौंपा है।
पहले भी एक बच्ची को बना चुका है निवाला
पत्रिका.कॉम की टीम को सीओ कैसरगंज प्रवीण सिंह ने बताया की तेंदुए के हमले में जान गंवाने वाले बच्चे के परिजनों को अंतिम संस्कार आदि के लिए अहेतुक सहायता के रूप में 10 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग दिया गया है। आप को बता दें की पूर्व में बीते 3 सितम्बर 2016 को भी इसी तरह की घटना का दंस पड़ोसी गांव आजाद नगर की रहने वाली 5 वर्षीय शिवानी नाम की बच्ची को सहना पड़ा था। यही आदमखोर तेंदुआ उसे अपना निवाला बना चुका है, जिसको पकडऩे में वन विभाग और डब्ल्यूटीआई की टीम फेल साबित हो चुकी है। एक बार फिर सामने आई इस तरह की घटना से इलाके में दहशत का माहौल छाया हुआ है।