जिला पुलिस में फोन कॉल से मच गया हड़कम्प। गैंगस्टर के गुर्गों को अजमेर लाने का मामला निकला फर्जी।
पुलिस कन्ट्रोल रूम में रविवार सुबह आए एक कॉल से जिला पुलिस में हड़कम्प मचा दिया। कॉलर ने गैंगस्टर भानुप्रताप के चार गुर्गो के चित्तौडग़ढ़ में गोली लगने की बात कहते हुए अजमेर लाना बताया। सूचना पर जिला पुलिस दो घंटे तक परेशान रही। बाद में मामला पूरी तरह फर्जी निकला।
रविवार सुबह पुलिस कन्ट्रोल रूम में आए कॉल पर कॉलर ने स्वयं को सीआईडी अधिकारी बताते हुए हार्ड अपराधी के गोली लगना बात हुए अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल लाने बताया। ड्यूटी ऑफिसर ने तुरन्त आलाधिकारियों को सूचित कर दिया। जबकि कोतवाली थानाप्रभारी सुनील सोनी कोकॉलर के मोबाइल नम्बर देते हुए सूचना दी। सोनी ने उक्त मोबाइल नम्बर पर बात की तो उसने वहीं बात दोहराते हुए गैंगस्टर भानुप्रताप के चार गुर्गो के गोली लगने और उन्हें अजमेर के अस्पताल लाने की बात दोहराई। इससे पुलिस का विश्वास और भी पुख्ता हो गया।
थाने का जाप्ता हथियारों के साथ अस्पताल पहुंच गया। चार हार्ड अपराधियों के लाने की सूचना पर अस्पताल में भी अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सहायक उप निरीक्षक हथियारबंद जवानों के साथ दो घंटे तक अस्पताल में इंतजार करते रहे लेकिन ना गोली से जख्मी घायल आए ना कॉलर से दूबारा सम्पर्क हो सका। पुलिस ने भी फर्जी सूचना मानते हुए जांच शुरू कर दी।
चित्तौडग़ढ़ में हुई मुठभेड़! कॉलर ने दूसरे कॉल पर खुदको सीआईडी ऑफिसर बताते हुए बातचीत की। उसने पुलिस को बताया कि चित्तौडग़ढ़ में भानुप्रताप गिरोह से मुठभेड़ हुई, जिसमें चार गुर्गे गंभीररूप से जख्मी हुए हैं। उन्हें वे अजमेर लेकर आ रहा है।
मोबाइल हुआ स्वीच ऑफ मामले में कॉलर के नम्बर पर पुन: सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उक्त नम्बर स्वीचऑफ हो गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहर) अवनीश शर्मा ने साक्लोन सेल को मोबाइल की लोकेशन और उसकी जानकारी जुटाने के आदेश दिए हैं। पुलिस मामले की गहनता से पड़ताल में जुटी है।
गोली लगने की सूचना गलत निकली। कन्ट्रोल रूम में रपट डालकर कॉलर की पड़ताल की जा रही है। जरूरत पडऩे पर मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा।
अवनीश शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक(शहर)