न तो वाहनों में रखे सामान की जांच और न ही दस्तावेजों की पड़ताल। बगैर जांच किए ही वाहन आसानी से बेरियर से क्रॉस हो जाते हैं।
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बालाघाट/बोनकट्टा. न तो वाहनों में रखे सामान की जांच और न ही दस्तावेजों की पड़ताल। बगैर जांच किए ही वाहन आसानी से बेरियर से क्रॉस हो जाते हैं। यह सब कुछ होता है एक टोकन पर। ये टोकन केवल उन्हीं वाहन चालकों को प्रदान किए जाते हैं, जो रोजाना या एक-दो दिन के अंतराल में मप्र से महाराष्ट्र और महाराष्ट्र से मप्र आवागमन करते हैं। यह कार्य बेरियर में पदस्थ कर्मचारियों और पुलिस की सांठगांठ से होता है।
बोनकट्टा में है अंतरराज्यीय नाका
जानकारी के अनुसार जिले की महाराष्ट्र राज्य की सीमा बोनकट्टा में अंतरराज्यीय बेरियर लगा हुआ हैं। यहां से रोजाना बड़ी संख्या में वाहनों का आवागमन मप्र से महाराष्ट्र राज्य और महाराष्ट्र राज्य से मप्र में होता है। बेरियर में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा उन्हीं वाहनों की चेकिंग की जाती है, जिन्हें टोकन प्रदान नहीं किया जाता है। टोकन प्राप्त वाहनों में चाहे कुछ भी परिवहन हो, इसकी जांच नहीं की जाती है। इस तरह से अंतरराज्यीय बेरियर बोनकट्टा में कार्य हो रहा है। पठार क्षेत्र होने के कारण यहां पर बड़ी मात्रा में खनिज पाया जाता है। जिसके चलते माफिया गौण खनिज का दोहन कर उसका सीधा महाराष्ट्र राज्य में अवैध परिवहन करते हैं।
तीन नाके हैं बोनकट्टा में
जानकारी के अनुसार बोनकट्टा गांव में महाराष्ट्र राज्य की सीमा से सटकर तीन नाके संचालित हो रहे हैं। जिसमें परिवहन नाका, मंडी नाका और फारेस्ट नाका शामिल है। इन तीनों ही नाकों में विभागीय अधिकारियों को पदस्थ किया गया है। लेकिन इन तीनों ही नाकों में परिवहन नाका काफी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इस नाके में ही सबसे अधिक गोलमाल होता है।
क्षमता से अधिक बकरियों का परिवहन
पठार क्षेत्र से प्रत्येक गुरुवार को बकरियों का अवैध रुप से परिवहन किया जाता है। महाराष्ट्र राज्य के व्यापारी जिले के पठार क्षेत्र में पहुंचकर पहले बकरियों की खरीदी करते हैं। इसके बाद प्रत्येक गुरुवार को उसका ट्रकों के माध्यम से महाराष्ट्र राज्य में परिवहन करते हैं। ट्रकों में क्षमता से अधिक बकरियां भरी होती है। लेकिन ऐसे वाहनों की न तो नाके में चेकिंग होती है और न ही पुलिस इसकी पड़ताल करती है। पत्रिका ने इस मामले की पड़ताल भी की है। इधर, इस मामले में तिरोड़ी थाना प्रभारी रोहित यादव का कहना है कि बकरियों के परिवहन संबंधी नियम की उन्हें कोई जानकरी नहीं है। ऐसे में संबंधितों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इससे स्पष्ट होता है कि पुलिस की किस तरह से संलिप्तता है।
खुलेआम गुजरते हैं बाक्साइट के ओवरलोड वाहन
पठार क्षेत्र से रोजाना बड़ी संख्या में बाक्साइट के ओवरलोड वाहन महाराष्ट्र राज्य की ओर जाते हैं। लेकिन ऐसे वाहनों को न तो पुलिस रोकती है और न ही उनकी बोनकट्टा बेरियर में चेकिंग होती है। यह अंतरराज्यीय नाका होने के बाद भी यहां के कर्मचारियों के द्वारा वाहनों को बगैर जांच किए ही जाने दिया जाता है। इससे न केवल शासन को राजस्व की क्षति हो रही है। बल्कि माफिया बेखौफ इस कारनामे को अंजाम दे रहे हैं।
टेक्स बचाने की जुगत में रहते हैं व्यापारी
व्यापारी टेक्स बचाने के लिए बोनकट्टा बेरियर से अपने वाहनों को गुजारते हैं। यहां से वाहन बालाघाट जिले के अलावा समीपस्थ जिलों में पहुंचते हैं। यह कार्य रोजाना होता है। खासतौर में रात्रि के समय यह कार्य अधिक होता है।
वाहनों पर की जाएगी कार्रवाई
क्षेत्र से बाक्साइट का परिवहन होता है तो संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। बकरियों के परिवहन के संबंध में नियमों की जानकारी नहीं है।
-रोहित यादव, टीआई, तिरोड़ी
बकरियों के अवैध परिवहन मामले में भी फाइन लेने के नियम है। बाक्साइट के परिवहन के संबंध में जानकारी ली जाएगी। यदि वाहनों के बगैर जांच के लिए ही जाने दिया जाता है तो इस मामले में संबंधितों को पत्र लिखकर जानकारी ली जाएगी।