लालकृष्ण आडवाणी कैम्प की मजबूत हाथ माने जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से असहज रिश्तों के रूप में पहचान रखने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सरकार में तेजी से बढते कद ने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की नींद उड़ा दी है।
लालकृष्ण आडवाणी कैम्प की मजबूत हाथ माने जाने वाली और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से असहज रिश्तों के रूप में पहचान रखने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के सरकार में तेजी से बढते कद ने भाजपा के कई दिग्गज नेताओं की नींद उड़ा दी है। मोदी के लगातार विदेश दौरों का पर्दे के पीछे और मीडिया से दूर रहकर सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सुषमा स्वराज का कद मोदी ने अचानक बढ़ा दिया है।
जारी किया था सर्कुलर
मलेशिया और सिंगापुर के अपने चार दिन के दौरे और गृह मंत्री राजनाथ सिंह के चीन की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जिम्मेदारी सुषमा के हवाले कर दी थी। 21 से 23 नवंबर तक सुषमा देश के सरकार की सुप्रीमो थीं। इन तीन दिनों में देश के अंदर किसी भी आपात स्थिति में फैसला लेने का अधिकार सुषमा स्वराज के पास था। सभी महत्वपूर्ण मंत्रालयों और देश की सुरक्षा से जुड़ी एजेंसियों को एक आंतरिक सर्कुलर जारी कर सुषमा के मुखिया होने से अवगत कराया गया था।
बीच यात्रा से लौटी थीं
15 नवंबर को पेरिस में हुए आंतकी हमले की खबर आने के बाद सुषमा स्वराज को अमरीका के लॉस एंजेलिस में होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस के कार्यक्रम को बीच में छोड़ तत्काल भारत लौटने के लिए कहा गया था।
हालांकि मोदी सरकार के शपथ ग्रहण के बाद यह पहला मौका था, जब मोदी और राजनाथ दोनों देश के बाहर थे। मोदी के गैर मौजूदगी में नंबर दो की जिम्मेदारी निभाने वाले राजनाथ ने सिर्फ एक बार कैबिनेट की अध्यक्षता की थी। तीन दिन सरकार की प्रमुख रही सुषमा को कैबिनेट की अध्यक्षता करने का मौका फिलहाल नहीं मिल सका है।
तनाव में दिग्गज
मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भी सुषमा ने तीसरे नंबर पर शपथ ली थी और कैबिनेट में भी सुषमा का बैठने का क्रम तीसरा है। सुषमा के बढ़ रहे कद से सरकार में कई मंत्रियों में बेचैनी बढ़ गई है। भाजपा सूत्र बताते हैं कि मोदी के करीबी वित्त मंत्री अरुण जेटली और शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू के अलावा कुछ अन्य नेता जो खुद को मोदी का करीबी मानते हैं, भारी तनाव में हैं।
भाजपा संगठन में दिख सकता है असर
सुषमा के बढ़ रहे कद का असर भाजपा संगठन में आगे दिख सकता है। भाजपा संगठन अध्यक्ष अमित शाह के हाथ में है और वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के साथ-साथ संगठन में भी दबदबा बनाए हुए हैं। सुषमा और राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता संगठन में लगभग हशिए पर हैं।