बलरामपुर। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 एवं बाल मैत्रिक विद्यालय तंत्र के मुद्दे पर जिला बाल मैत्रिक विद्यालय संगठन का गठन एवं सशक्तिकरण के लिए बैठक का आयोजन किया गया। कलेक्ट्रेट सभागार में डीएम की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में डीएम ने प्रधानों, शिक्षकों तथा अभिभावकों से अपील की कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार है, उन्हेें यह अधिकार अवश्य मिलना चाहिए। यही शासन की मंशा है और समाज की आवश्यकता है।
यह चिंता का विषय है
डीएम राम विशाल मिश्र ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा के स्तर में बलरामपुर जिला 71वें स्थान पर है। यह चिंता का विषय है। हम सभी को कदम से कदम मिलाकर इसको प्रदेश में 51वें स्थान पर लाना है। जिलाधिकारी ने बीएसए को निर्देश दिया की जो परिषदीय विद्यालय जर्जर हो चुके हैं, उनमें पठन-पाठन का कार्य कदाापि न कराएं। उन्हें जर्जर घोषित करवाकर नये विद्यालय बनवाने की प्रक्रिया करें। सीडीओ रवीश गुप्ता ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिती बढ़ी है। विद्यालय में बच्चों को मिलने वाले एमडीएम की व्यवस्था पर पैनी नजर रखी जाये। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव ने कहा कि प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में दी जा रही शिक्षा की गुणवत्ता और संचालन की स्थिति में स्थानीय समुदाय के माध्यम से आवश्यक परिवर्तन लाना है। ताकि समाज के कमजोर वर्गो, बालिकाओं और अन्य शोषित तबकों के बच्चों को बेहतर और कारगर शिक्षा मुहैया करवाई जा सके।
इसके पूर्व एक्शनएड की कार्यक्रम अधिकारी विपाशा राय ने परियोजना के बारे में बताया कि एम ट्रस्ट एवं एक्शनएड यूनीसेफ के साथ मिलकर बलरामपुर जिले में मुस्कान नामक परियोजना का संचालन किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा में गुणवत्ता लाना है। कार्यक्रम निदेशक विनोद कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 240 एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को लोगों की सहभागिता से विकसित किया जायेगा। बैठक में विद्यालय प्रबंन्ध समिति के सदस्य, ग्राम प्रधान, शिक्षा विभाग के अधिकारी आदि मौजूद रहे।