बलरामपुर. जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में एक के बाद एक फर्जी वाड़े का खुलासा हो रहा है। जहां एक ओर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल करने वाले दर्जनों लोग पकड़ में आये हैं। इनके विरूद्ध कार्रवाई दर्ज की गयी है। अब एक नया मामला सामने आया है। जो शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को खड़ा कर रहा है। दरअसल मामला यह है कि 1997 में मृत हुए एक व्यक्ति के स्थान पर दूसरा व्यक्ति आज भी प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापक काम कर रहा है। प्रकरण संज्ञान में आने पर जिला बेसिक शिक्षाधिकारी ने जाल साज व्यक्ति को तलब किया है।
बात 1997 की है। बीकापुर फैजाबाद निवासी विजय प्रकाश वर्मा की नियुक्ति जिले में प्राथमिक विद्यालय मेें सहायक अध्यापक के रूप में हुई थी। नियुक्ति के कुछ ही दिन बाद शिक्षक की किन्ही कारण वश मृत्यु हो गई थी। तत्कालीन शिक्षा विभाग के अधिकारियोें व कर्मचारियों ने इस मामले में लेन देन कर लम्बा खेल कर दिया। मुजैहना गोण्डा निवासी जगदम्बा गुप्ता को मृतक के स्थान पर फोटो बदलकर नियुक्ति दे दी गयी। आज भी जालसाज जगदम्बा गुप्ता जिले के प्राथमिक विद्यालय सेमरी पचपेड़वा में बतौर प्रधानाध्यापक काम कर रहा हैै। जगदम्बा के जाल साजी की शिकायत कई बार शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की गई। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वर्ष 2009 से लेकर अब तक दर्जनों शिकायतें बेसिक शिक्षा विभाग को मिली, लेकिन इस जालसाजी पर सब चुप्पी साधे रहे। मंगलवार को जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव को यह शिकायती पत्र मिला तो उन्होंने इस पर छानबीन शुरू कर दी। छानबीन के दौरान प्रथम दृष्टया यह शिकायत सही पाई गई है। शिकायत कर्ता ने अपने पत्र में आरोपी शिक्षक की शैक्षिक योग्यता कक्षा चार बताया है। बेसिक शिक्षा विभाग में जालसाजी का यह कोई पहला मामला नहीं है। फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर तमाम लोग नौकरी हासिल कर चुकेें है, जो बाद जांचोपरान्त पकड़े जा चुके हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेश यादव का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में आया है। यह बेहद गम्भीर मामला है। अब तक जालसाज शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई न होना आश्चर्य की बात है। आरोपी शिक्षक को सोमवार को बीएसए दफ्तर पर तलब किया गया है। पूरे मामले की पड़ताल कर जालसाज के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी।