जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम सोरर में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों मौत हो गई। मौत की खबर से गांव में मातम छा गया।
बालोद. जिले के गुरुर ब्लॉक के ग्राम सोरर में शुक्रवार की सुबह एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों मौत हो गई। सुबह-सुबह एकसाथ चार लोगों की मौत की खबर से गांव में मातम छा गया। जिसने भी ये खबर सुनी एकाएक विश्वास ही नहीं हुआ। मृतक परिवार के घर सामने ग्रामीणों की भीड़ लग गई थी। मजदूरी और खेती किसानी कर जीवन यापन करने वाले परिवार में अब मात्र 10 साल का एक बच्चा और बाहर गया उनके चाचा ही जीवित बचे है।@Patrika
करंट प्रवाहित तार में चिपकने से दर्दनाक मौत जानकारी के अनुसार ग्राम सोरर में आज सुबह पटेल परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला राजबती कपड़े सुखा रही थी, तभी अचानक वह करंट की चपेट में आ गई और घटनास्थल पर ही मौत हो गई। उसे जमीन पर गिरे देखकर बड़ी बहू दामिनी उठाने के लिए गई और वह भी करंट की चपेट में आ गई जिससे उसकी भी मौत हो गई।@Patrika इसी तरह छोटी बहू चित्ररेखा और बेटा सत्यनारायण की भी करंट प्रवाहित तार में चिपकने से दर्दनाक मौत हो गई।
बिजली की अर्थिंग तार में करंट बताया जाता है कि कच्ची मकान और दीवार गीली होने के कारण बिजली की अर्थिंग तार में करंट आ गया था। इसी तार के कारण कपड़ा सुखाने वाली तार में भी करंट प्रवाहित हो जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है। मृतक का घर और खेत लगा हुआ है।
अनहोनी की आशंका को भांपकर सीधे पड़ोस के घर में बताने चला गया @Patrikaइस दिल दहला देने वाली दुर्घटना के दौरान 10 साल का बच्चा ढालेंद्र गांव के बाहर टायलेट गया था जो बच गया। उसने घर में आते ही देखा कि घर के सभी सदस्य एकसाथ गिरे पड़े हैं। उन्होंने किसी अनहोनी की आशंका को भांपकर सीधे पड़ोस के घर में बताने चला गया। पड़ोसियों ने आकर देखा कि सभी लोगों की मौत करंट की चपेट में आने से हो गई। इसके बाद ग्रामीणों और पुलिस को इस घटना की जानकारी दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर सभी शव को पोस्ट मार्टम के लिए भिजवा दिया है।
दूसरे बेटे जितेंद्र की जान बच गई मृतकों में राजबती 70 साल पति स्व. कोमल पटेल, मृतका की बड़ी बहू दामिनी 26 साल पति सत्यनारायण पटेल, छोटी बहू चित्ररेखा 23 साल पति जितेंद्र पटेल और सत्यनारायण पटेल 30 साल पिता कोमल शामिल है। घटना के दौरान राजबती का दूसरा बेटा जितेंद्र मजदूरी करने बाहर चला गया था। इससे उसकी जान बच गई। @Patrika
तहसीलदार ने क हा मुआवजे का प्रावधान नहीं दुर्घटना की जानकारी मिलते ही गुरुर थाने की पुलिस और तहसीलदार भी गांव पहुंचे थे। ग्रामीणों ने मृतक परिवार को आर्थिक सहायता और कफन-दफन के लिए शासकीय मुआवजे की मांग की। @Patrikaतहसीलदार ने इस तरह की दुर्घटना में किसी तरह से मुआवजे का प्रावधान नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया।
चंदे की राशि से अंतिम संस्कार की तैयारी हमारे बालोद प्रतिनिधि ने बताया कि मृतक मजदूर परिवार के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण ग्रामीणों ने स्वेच्छा से चंदा एकत्र कर अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। @Patrikaमृतक परविार को ग्राम पंचायत की ओर से तीन हजार, सिन्हा समाज की ओर से एक हजार और ग्राम विकास समिति की ओर से 11 सौ रुपए तथा अन्य ग्रामीणों ने अपनी-अपनी हैसियत एवं इच्छा के मुताबिक आर्थिक सहायता दी हैं।
मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन की तैयारी @Patrikaदुर्घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि चार शवों का मोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के पहले शासन की ओर से आर्थिक सहायता की मांग को लेकर शव के साथ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।