जिले के धान खरीदी केंद्रों में बंपर धान की आवक हो रही है, पर उठाव समय पर नहीं होने व धीमी गति से होने के कारण खरीदी केंद्रों के अधिकारी-कर्मचारियों की सांसें फूलने लगी है।
बालोद.इन दिनों जिले के धान खरीदी केंद्रों में बंपर धान की आवक हो रही है, पर उठाव समय पर नहीं होने व धीमी गति से होने के कारण खरीदी केंद्रों के अधिकारी-कर्मचारियों की सांसें फूलने लगी है। जिले के ऐसे कई केंद्र है जहां क्षमता से अधिक धान का स्टॉक जमा हो गया है। खाद विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक जिले के एक भी मिलर्स ने धान
उठाव के लिए पंजीयन नहीं कराया है जबकि जिले में 54 मिलर्स हैं।
खरीदी केंद्रों में जगह नहीं
लगातार किसानों द्वारा भारी मात्रा में अपने धान समर्थन मूल्य पर देने के लिए ला रहे हैं। पर अब धान को रखने के लिए खरीदी केंद्रों में जगह ही नहीं बच रही है। यहां धान परिवहन की स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है। जिले के 4 ऐसे खरीदी केंद्र है जहां 10 हजार क्विंटल से अधिक धान जमा हो गया है, तो 37 खरीदी केंद्र ऐसे हंै जहां 5 हजार क्विंटल का स्टॉक जमा हो गया है। परिवहन नहीं होने के कारण अब इन केंद्रों में किसानों द्वारा लाए जा रहे धान को रखने की जगह नहीं है। हालांकि मंगलवार से डीएमओ ने धान परिवहन करने के आदेश दे दिए हैं पर अभी तक राहत नहीं मिली है।
मिलर्स ने भी कर दी परेशानी पैदा
इधर अभी तक शासन व मिलर्स के बीच चल रही चर्चा में अब तक बात नहीं बन पाई है जिसके चलते मिलर्स खरीदी केंद्रों से धान नहीं उठा रहे हैं। मिली जानकारी के मुताबिक जिले में अब तक इन 9 दिनों में 4 लाख 98 हजार 69 क्विंटल धान की खरीदी हो चुकी है, जबकि अभी भी खरीदी केंद्रों में बंपर धान की आवक हो रही है। जानकारी के अनुसार जिले के 69 सेवा सहकारी समिति के 110 खरीदी केंद्रों में किसानों के धान को समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, पर धान का उठाव नहीं होने के कारण केंद्रों में जाम सा लग गया है।
4 में से केवल 2 संग्रहण केंद्रों में धान का उठाव
जिले में 4 धान संग्रहण केंद्र है जिसमे फुंडा, धोबनपुरी, जगतरा व मालिघोरी इन धान संग्रहण केंद्रों में धान का संग्रहण किया जाता है, पर अभी तक फुंडा व धोबनपुरी में ही धान का संग्रहण किया जा रहा है। वर्तमान में 25 से 30 ट्रकों से परिवहन किया जा रहा है। डीएमओ ने बताया जगतरा व मालीघोरी में धान का संग्रहण भी शुरू हो जाएगा। अधिकारियों का कहना है धान के उठाव में तेजी लाने के लिए प्रयास किया जा रहे हैं।
नहीं कर रहे धान का उठाव
अभी भी शासन व मिलर्स के बिच चल रही चर्चा में समझौता नहीं हो पाया है अभी भी मामला चल रहा है। मिलर्स धान उठाने को तैयार ही नहीं है। ऐसे में और दिक्कत खड़ी हो सकती है। हालांकि विभाग द्वारा उठाव के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। कलक्टर राजेश सिंह राणा ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 के तहत जिले में संचालित 30 राइस मिलों को खरीफ विपणन वर्ष 2016-17 के लिए काली सूची में दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।