तालाब को स्वच्छ रखने के लिए पानी को बहाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए 17 लाख रुपए स्वीकृत हो चुका है लेकिन स्टे के कारण कार्य रूक गया है।
बालोद (सिकोसा). शासकीय कार्यों में एक व्यक्ति द्वारा बाधा पहुंचाने की शिकायत लेकर सिकोसा के पंच सरपंच के साथ सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को गुंडरदेही एसडीएम कार्यालय पहुंचे। सरपंच संजय बारले ने एसडीएम पीएल यादव से कहा कि गांव के तालाब के गंदा पानी व मिट्टी को निकालने तथा उसे मनरेगा के तहत गहरीकरण करने का प्रस्ताव बनाया है, लेकिन रामबिशाल शर्मा नामक व्यक्ति ने इस कार्य पर स्टे ला दिया है। इससे यह कार्य रूक गया है।
वर्षों से नहीं हुई तालाब की सफाई
दो ट्रैक्टर में ग्रामीणों के साथ पहुंचे सरपंच बारले ने बताया कि वर्षों से उस तालाब की सफाई नहीं हुई है इसलिए तालाब में बड़े पैमाने पर दलदल मिट्टी जमने के कारण पानी गंदा हो गया है। तालाब को स्वच्छ रखने के लिए पानी को बहाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए 17 लाख रुपए स्वीकृत हो चुका है लेकिन स्टे आने के कारण कार्य रूक गया है। जबकि इसमें गांव के 80 प्रतिशत लोगों का समर्थन है।
प्रस्ताव अवैधानिक है
अपने आवेदन में रामबिशाल शर्मा ने कहा है कि पंच- सरपंच अवैधानिक तरीके से प्रस्ताव तैयार कर निस्तारी तालाब के पानी को बहाना चाहते हैं। पटवारी रिकार्ड में यह निस्तारी तालाब है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत साफ सफाई के नाम पर खर्च बताया गया है। उन्होंने तालाब के पानी को सुरक्षित रखने की बात कही है। ग्रामीणों के साथ पहुंची महिला कमांडो ने कहा कि तालाब की साफ सफाई होनी चाहिए। साथ ही मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण के साथ इस पर लगे स्टे हटाया जाना जरूरी है।