शहर को गुमटीमुक्त करने की दिशा में नई पहल शुरू हो गई है। जिसके तहत रविवार को पुराना बस स्टैंड वन परिसर से लगे चार दुकानों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया गया। इससे सड़क की चौड़ाई 10 फीट से बढ़कर 18 फीट हो गई।
बालोद. शहर को गुमटी मुक्त करने की दिशा में नई पहल शुरू कर दी गई है। इसके लिए नगर पालिका द्वारा नहीं बल्कि प्राथमिक लघु वनोपज समिति द्वारा प्रयास किया जा रहा है, जिन्होंने शासन से बिना कोई सहयोग लिए ही स्व-वित्तीय पोषित योजना के तहत दस दुकानों का निर्माण किया है।
18 फीट हुई चौड़ाई
इस निर्माण के बाद पुराना बस स्टैंड वन परिसर से लगी चार दुकानों को तोड़कर स्थायी निर्मित कांप्लेक्स में शिफ्ट किया गया। चार घंटे तक चले इस कार्रवाई के बाद पुराना बस स्टैंड व फव्वारा चौक के बीच सड़क की चौड़ाई लगभग 10 फीट से बढ़कर अब 18 फीट हो चुकी है। इससे नागरिकों को आने-जाने में आसानी होगी।
सड़क किनारे रोजगार चलाने वालों को मिला स्थायित्व
शर्मा ने बताया शहर को गुमटी मुक्त बनाने व वर्षों से सड़क किनारे दुकानदारी कर गुजारा करने वालों को स्थायित्व प्रदान करना मूल उद्देश्य है, जिसके तहत समिति अपने होने वाली आय के कुछ हिस्से को ऐसे जनहित कार्यों में खर्च करती है। इस कांप्लेक्स निर्माण के बाद 40 से 50 साल से दुकान चलाने वाले लोगों को प्राथमिकता के साथ शिफ्ट किया गया है। अब वे बिना किसी दिक्कत के व्यापार कर सकते हैं।
केंद्र में इन हर्बल उत्पादों की होगी बिक्री
शहद, अमचून चूर्ण, नीम चूर्ण, उदरामृत चूर्ण, हर्रा, बहेड़ा, सफेद मूसली चूर्ण, अस्वगंधा चूर्ण, शतावरी चूर्ण, कौंच चूर्ण, जामुन चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, सितोपलादी, तालीसादी चूर्ण सहित अन्य औषधि की बिक्री यहां होगी। जिन औषधियों व उनकी उपयोगिता के बारे में लोगों को पता नहीं रहता उनकी जानकारी भी इस केंद्र से मिलेगी।
ये है संजीवनी केंद्र का उद्देश्य
जंगल में मिलने वाली जड़ी-बूटी से संबंधित हर्बल उत्पादों को सही कीमत पर उचित मात्रा में आम जनता तक पहुंचाने और विभाग के राजस्व में वृद्धि करने के उद्देश्य से वन विभाग द्वारा संजीवनी हर्बल उत्पाद केन्द्र खोला जा रहा है। जंगल में मिलने वाली औषधियुक्त जड़ी-बूटियों को शुद्ध व्यावसायिक मानसिकता तथा प्रतिस्पर्धा के साथ उचित मूल्य व उचित मात्रा में आम जनता तक पहुंचाने तथा इससे होने वाली आय को पर्यावरण संरक्षण के लिए जनहित में उपयेाग करने के उद्देश्य से ये केंद्र लाभकारी साबित होंगे। सरकारी उपक्रम की दुकान होने के कारण यहां लोगों को बाजार भाव से कम मूल्य पर पूरी शुद्धता के साथ हर्बल उत्पाद जैसे शतावरी चूर्ण, शहद, हर्बल चाय, त्रिफला चूर्ण, बाल हर्रा, खड़ा, च्यवनप्राश, कालमेघ, जामुन जूस, सफेद मुसली, अश्वगंधा चूर्ण तथा कौंच चूर्ण आसानी से मिलेंगे।
अब जाना जाएगा संजीवनी कांप्लेक्स के रूप में
जिला लघु वनोपज समिति के अध्यक्ष यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि उक्त नव निर्मित कांप्लेक्स संजीवनी कांप्लेक्स के रूप में जाना जाएगा। इस कांप्लेक्स में एक दुकान में संजीवनी केंद्र संचालित किया जाएगा। बाकी दस दुकानों को व्यापारियों को आबंटित किया जा रहा है, जिससे हर माह आमदनी समिति को होगी। दुकानों के आबंटन प्रकिया में भी अच्छी-खासी आमदनी हुई है। पूर्व समिति द्वारा अपने वित्तीय मद से ही कर्मा कांप्लेक्स का निर्माण किया गया है जहां 16 दुकानें व्यवस्थित ढंग से संचालित है।