scriptआंकड़ों के मुताबिक SELFIE की वजह से कई लोगों की गई है जान, रहें सावधान | Selfie is becoming dangerous in data, be alert for your life | Patrika News

आंकड़ों के मुताबिक SELFIE की वजह से कई लोगों की गई है जान, रहें सावधान

Published: Oct 31, 2015 11:39:00 am

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सेल्फी की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत समेत दुनियाभर में सेल्फी के चक्कर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

सेल्फी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 2013 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश शब्दकोश के ऑनलाइन वर्जन में भी इसे शामिल कर लिया गया और इस शब्द को साल 2013 का ‘वर्ड ऑफ द ईयर’ भी घोषित किया गया। लेकिन इन दिनों जितना फेमस ये शब्द हुआ है, उतना ही ही खरतनाक इसका प्रैक्टिकल साबित हो रहा है, ऐसी चौंकाने वाली बात आंकड़ों से साबित होती है।
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दरअसल, लोग अब ये मानने लगे हैं कि सोशल मीडिया पर जिसकी जितनी आकर्षक और लीक से हटकर सेल्फी होगी, उस पर ‘लाइक्स’ भी उतने ही ज्यादा आएंगे। सेल्फी के दीवाने अब ज्यादा से ज्यादा लाइक्स बटोरने की होड़ में कोई भी जोखिम उठाने के लिए तैयार हैं। सेल्फी की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत समेत दुनियाभर में सेल्फी के चक्कर में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
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सेल्फी लेने के दौरान हुए हादसे-

– महाराष्ट्र के नागपुर की एक झील में नाव पर सवार छात्रों के एक समूह सेल्फी ले रहा था, इसी दौरान नाव का संतुलन बिगड़ने से डूब गई।

-यूपी के आगरा में ताजमहल के सामने एक जापानी पर्यटक सेल्फी लेने के दौरान सीढ़ियों से नीचे गिर गया और इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
रूस में एक किशोर ने रेलवे पुल के ऊपर सेल्फी लेने की सोची तो उसका पैर फिसला और नीचे गिरने से उसकी मौत हो गई

-अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक महिला ने बंदूक के साथ सेल्फी लेनी की कोशिश की तो बंदूक का ट्रिगर ही दब गया और उसकी मौत हो गई।

-सिंगापुर में पहाड़ की चोटी पर सेल्फी के दौरान एक व्यक्ति नीचे जा गिरा गया।

-बुल्गारिया में बुल रन के दौरान सांडों के साथ सेल्फी खींचना भी एक व्यक्ति को महंगा पड़ा गया।

साल 2015 में अब तक शार्क हमलों की तुलना में सेल्फी से संबंधित मौतें अधिक हैं।

-साल 2013 में आस्ट्रेलिया में हुए एक सर्वेक्षण के मुताबिक 18-35 आयुवर्ग की दो-तिहाई से अधिक महिलाएं सेल्फी का इस्तेमाल फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपलोड करने में करती हैं।

-कुछ विशेषज्ञ लगातार सेल्फी लेने की कोशिश को एक मनोरोग भी मानते हैं।
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फोटोग्राफर जिम क्रॉस ने साल 2005 में पहली बार सेल्फी शब्द का इस्तेमाल किया था, लेकिन सेल्फी शब्द को सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव की वजह से 2012 में उस समय लोकप्रियता मिली थी, जब टाइम पत्रिका ने सेल्फी शब्द को उस साल के शीर्ष 10 शब्दों में स्थान दिया।
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धीरे-धीरे सेल्फी के चलन ने देश-दुनिया में कई पैमानों को बदल दिया है. सेल्फी अब एक शौक नहीं, जुनून बन गया है, लेकिन इसके बावजूद हमें ऐसे आंकड़ो को देखते हुए सेल्फी लेते वक्त सावधान रहने की जरूरत है।
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