बांदा। सूबे की सरकार बेसिक शिक्षा में सुधार के दावे कर रही है, रोज़ शिक्षा के सुधार के लिए नए फरमान सुनाये जा रहे हैं है लेकिन प्रदेश में अधिकांश सरकारी स्कूलों की जो दशा है वह चौंकाने वाली है। बांदा में दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जो देखने में तो नए हैं लेकिन इतने जर्जर हो चुके हैं कि मामूली बारिश में ही बरसने लगते हैं तो कहीं मामूली बारिश ने ही विद्यालयों को टापू में तब्दील कर दिया है। यही नहीं दर्जनों स्कूलों के अंदर ही विद्युत् विभाग ने ट्रांसफार्मर लगा रखे हैं जिससे आये दिन मासूम बच्चो की करंट से झुलसने की भी खबरे आती रहती है।
बांदा के नरैनी ब्लॉक के गुढ़ा कलां के प्राथमिक विद्यालयों का है जहां दोनों विद्यालय इतने जर्जर हो चुके हैं कि दीवारों और छतो में भी दरारे पड़ चुकी है। बारिश रुकने के बीद भी स्कूलों की छत लगातार बरस रही है और बारिश के चलते स्कूलों के बगल में बने पंचायत भवन में बच्चों को बैठना पड़ रहा है। आम दिनों में इसी जर्जर भवन में बच्चे बैठाये जाते हैं और जान खतरे में डालकर पढ़ने पर मजबूर हैं। आपको बता दें कि एक सप्ताह पहले ही इसी विद्यालय के ऊपर से गुज़रते बिजली के लटकते तारों की चपेट में तीन छात्राएं झुलस चुकी हैं।
दूसरा नज़ारा महुआ ब्लॉक के रिसौरा का है। यहां भवन तो जर्जर हैं ही लेकिन स्कूल के बीचो बीच लगा विद्युत ट्रांसफार्मर बड़े हादसे को बराबर दावत दे रहा है। स्कूल के ठीक ऊपर ही बिजली विभाग ने हाईटेंशन लाइन भी दाल राखी है और इसकी चपेट में कई बार जानवर आकर अपनी जान भी गवां चुके हैं। स्कूल के चारों तरफ ज़बरदस्त जल भराव रहता है। बाउंड्री भी तकरीबन गायब है और बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।