बेंगलूरु. साधारण आय वाले नौकरीपेशा लोगों के बीच सर्वाधिक लोकप्रिय पैसेंजर ट्रेन 56233/56234 (बेंगलूरु-मैसूरु-बेंगलूरु) 28 जुलाई से एक्सप्रेस में तब्दील हो जाएगी।
इसका सीधा असर दक्षिण पश्चिम रेलवे (दपरे) की आमदनी और यात्रियों की जेब पर पड़ेगा। पहले जो लोग 30 रुपए में बेंगलूरु से मैसूरु आते-जाते रहे हैं, उन्हें अब दोगुना किराया वहन करना पड़ेगा। चूंकि इस ट्रेन के चलने का वक्त कुछ इस तरह है जो अधिकांश श्रमिकों, कर्मचारियों के लिए मुफीद है। इसी कारण इसमें यात्रियों की संख्या दूसरी पैसेंजर ट्रेन के बजाय अधिक होती है। शायद यही वजह है कि दपरे ने इसे एक्सप्रेस में बदलकर अधिक राजस्व जुटाने का मन बनाया है।
अब मैसूरु-बेंगलूरु के मध्य सिर्फ दो पैसेंजर ट्रेन ही चलेंगी, जिसमें तिरुपति पैसेंजर (56213/56214) और बेंगलूरु पैसेंजर (56263/ 56264) शामिल हैं। बहरहाल, सामान्य लोग रेलवे के इस फैसले से खफा हैं। कर्नाटक रेलवे वेदिके के केएन कृष्णप्रसाद कहते हैं कि यह कदम यात्रियों की सुविधाओं को बुरी तरह प्रभावित करेगा। रेलवे इस ट्रेन को एक्सप्रेस में बदलेगा, उसकी आमदनी बढ़ेगी, मगर साधारण यात्री जो केंगेरी तक जाने के लिए 10 रुपए भाड़ा देता रहा है, उसे अब 30 रुपए देने पड़ेंगे। मैसूरु तक का किराया भी दोगुना हो जाएगा। यात्रा के समय में भी कोई कमी नहीं आएगी। फिर इसे एक्सप्रेस बनाने का औचित्य क्या है।
बताया जाता है कि तालागुप्पा एक्सप्रेस (16227/16228) को वातानुकूलित और शयनयान कोच निकालकर पैसेंजर ट्रेन में परिवर्तित किया गया था। जिसे अब फिर से एक्सप्रेस बनाया जा रहा है।
मैसूरु की ओर से होगी शुरुआत
28 जुलाई को मैसूरु-तलगुप्पा एक्सप्रेस (16227) शाम 7.45 बजे रवाना होकर रात 10.38 बजे बेंगलूरु शहर पहुंचेगी। वापसी में 16228 ट्रेन बेंगलूरु शहर स्टेशन से सुबह 4.45 बजे निकलेगी और सुबह 7.40 बजे मैसूरु पहुंचेगी।