विस में पारित, परिषद में लटका विधेयक
बैंगलोरPublished: Apr 21, 2015 07:42:00 am
बृहद बेंगलूरू महानगर
पालिका (बीबीएमपी) को तीन भागों में विभाजित करने के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को
विधानसभा में कर्नाटक नगर निगम
बेंगलूरू। बृहद बेंगलूरू महानगर पालिका (बीबीएमपी) को तीन भागों में विभाजित करने के लिए राज्य सरकार ने सोमवार को विधानसभा में कर्नाटक नगर निगम (संशोधन) अधिनियम 2015 विधेयक पेश किया जो विपक्ष के कड़े प्रतिरोध और शोर-शराबे के बीच ध्वनिमत से पारित हो गया। मगर राज्य विधान परिषद में विधेयक पर चर्चा पूरी नहीं होने के कारण सभापति डीएच शंकरमूर्ति ने परिषद की कार्यवाही 23 अप्रेल तक स्थगित कर दी।
विधेयक पर 23 अप्रेल सुबह 11 बजे से फिर चर्चा शुरू होगी। विधानसभा के दोनों सदनों से विधेयक पारित नहीं होने के कारण बीबीएमपी विभाजन का पेंच फंस गया है। इसी मुद्दे पर कर्नाटक हाईकोर्ट भी 22 अप्रेल को अपना फैसला सुनानेवाला है।
इससे पहले राज्य सरकार की ओर से विधि व संसदीय मामलों के मंत्री टी.बी.जयचंद्रा ने संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह महज विभाजन के लिए नहीं, बल्कि बेंगलूरू शहर की लगभग एक करोड़ जनता को बेहतरीन प्रशासन देने के लिए उठाया गया कदम है।
मुख्यमंत्री के साथ उलझे भाजपा विधायक
विधेयक के समर्थन में मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने कहा कि प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं ने भी बीबीएमपी के विभाजन की वकालत की है लेकिन अब राजनीति के लिए भाजपा नेता इसका विरोध कर रहे हैं। इस बात को लेकर मुख्यमंत्री तथा भाजपा विधायकों के बीच काफी देर तक नोक-झोंक चलती रही। विधानसभा अध्यक्ष कागोडू तिमप्पा ने हस्तक्षेप करते हुए इस वाद-विवाद का पटाक्षेप किया।
फसलों के नुकसान पर हो चर्चा
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष जगदीश शेट्टर ने राज्य के कोप्पल, रायचूर तथा यादगिर जिलों में बेमौसमी बारिश से फसल को हुए करोड़ों रूपए के नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि बेंगलूरू महानगर विभाजन से यह मामला बड़ा है। किसानों से जुड़ा मामला होने के कारण यह ज्यादा महत्वपूर्ण है और पहले सदन में इसी पर बहस होनी चाहिए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष की दलील को नामंजूर कर दिया। उन्होंने कहा कि विशेष सत्र की कार्य सूची के तहत सदन में सबसे पहले केएमसी ऎक्ट संशोधन विधेयक पर बहस होगी। विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले के बाद सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस शुरू हो गई।
ब्रांड बेंगलूरू को क्षति
पूर्व उपमुख्यमंत्री तथा भाजपा विधायक दल के उपनेता आर. अशोक ने संशोधन को ब्रांड बेंगलूरू के लिए हानिकारक करार देते हुए कहा कि विभाजन के कारण पूरे विश्व में बेंगलूरू शहर की छवि को धक्का लगेगा। आबादी तथा क्षेत्र विस्तार के आधार पर बीबीएमपी का विभाजन तार्किक नहीं है। किसी कुशल प्रशासक के लिए शहर की आबादी तथा उस शहर के क्षेत्र का विस्तार बाधक नहीं होते हैं।
सरकार की जल्दबाजी समझ से परे
पूर्व मुख्यमंत्री तथा जद (ध) के नेता एच.डी. कुमारस्वामी ने भी इस संशोधन का विरोध करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने बीबीएमपी के विभाजन के लिए आनन-फानन में विधानमंडल का विशेष सत्र बुलाया है। सरकार की यह जल्दबाजी समक्ष से परे है। राज्य सरकार इस मामले को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था। उन्होंने सरकार पर बीबीएमपी के विभाजन से होने वाले दुष्परिणामों की अनदेखी करने का आरोप लगाया।
इसलिए किया 23 तक स्थगित
विधानमंडल का विशेष सत्र फिर से 23 को बुलाया गया है। दरअसल, 21 अप्रेल को बसव जयंती होने के कारण सरकारी अवकाश है। वहीं 22 अप्रेल को मेकेदाटु परियोजना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिधिमंडल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट करने वाला है। इसी को ध्यान में रखते हुए विधानमंडल की कार्यवाही 23 अप्रेल तक स्थगित कर दी गई।