बेंगलूरु. हासन के होलेनरसीपुर से करीब 6 किलोमीटर दूर श्रीरामदेवर कट्टे के निकट एक झाड़ी में गुरुवार शाम फेंकी मिली नन्ही ‘चिडिय़ा’ की सेहत रविवार को काफी बिगड़ गई। बच्ची को तबीयत बिगडऩे पर हासन जनरल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सांस लेने में दिक्कत के कारण बच्ची को एनआईसीयू में रखा गया है।
चिकित्सक निरंतर बच्ची के स्वास्थ्य पर नजर रख रहे हैं। छाती की दीवार और फेफड़ों के बीच वायु प्रवेश कर जाने के कारण फेफड़ा कमजोर हो गया है।
गौरतलब है कि बच्ची के जन्म के तुरंत बाद झाडिय़ों में फेंके जाने की खबर पढ़कर शहर के विजयनगर इलाके में रहने वाले धनराज बोहरा और उनकी पत्नी ने उसे गोद लेने की इच्छा जताई थी लेकिन गोद लेने संबंधी कानून की सख्त प्रक्रिया के कारण महिला व बाल कल्याण विभाग ने उन्हें इंतजार करने का सुझाव दिया। बोहरा रविवार रात बच्ची को देखने अस्पताल भी गए। उन्होंने कहा कि वे बच्ची के उपचार का खर्च उठाने को तैयार हैं लेकिन कानून के कारण उनके हाथ बंधे हैं।