scriptप्रदेश भाजपा अध्यक्ष येड्डियूरप्पा के निवास पर पुलिस की तलाशी | Police on the residence of state BJP president Yeddyurappa | Patrika News

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष येड्डियूरप्पा के निवास पर पुलिस की तलाशी

locationबैंगलोरPublished: Jul 17, 2017 09:49:00 pm

भाजपा नेता व विधान परिषद में विपक्ष के नेता के.एस.
ईश्वरप्पा के निजी सहायक विनय के अपहरण के प्रयास के मामले में पुलिस ने
शनिवार देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. येड्डियूरप्पा के निवास पर
छापा मारकर तलाशी ली

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बेंगलूरु. भाजपा नेता व विधान परिषद में विपक्ष के नेता के.एस. ईश्वरप्पा के निजी सहायक विनय के अपहरण के प्रयास के मामले में पुलिस ने शनिवार देर रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. येड्डियूरप्पा के निवास पर छापा मारकर तलाशी ली।

पुलिस येड्डियूरप्पा के निवास पर उनके निजी सहायक एन.आर.संतोष की तलाश में पहुंचे जो इस केस के प्रमुखआरोपियों में एक बताया जाता है। संतोष अक्सर येड्डियूरप्पा के निवास पर ठहरता था इसलिए पुलिस ने डॉलर्स कॉलोनी स्थित येड्डियूरप्पा के निवास की तलाशी ली। पुलिस के अनुसार सहायक पुलिस आयुक्त बडिग़ार व अन्य अधिकारियों ने तलाशी ली।

गौरतलब है कि 11 मई को विनय ने शिकायत दर्ज कर आरोप लगाया था कि आठ लोगों के एक गिरोह ने उसे इस्कान मंदिर के पास से उठाया और अपहरण करने की कोशिश की। विनय ने जब इसका विरोध किया और मदद के लिए चिल्लाया तो आरोपी भाग निकले। विनय ने उसी दिन महालक्ष्मी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। महालक्ष्मी ले-आउट थाना पुलिस ने घटना के संदर्भ में भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव राजेन्द्र अर्स से पूछताछ की। पूछताछ के दौरान राजेंद्र ने पुलिस को बताया कि आरोपी संतोष ने अपहरण की योजना बनाई थी।

पुलिस आयुक्त को लिखा पत्र
 येड्डियूरप्पा ने इस संबंध में शहर के पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर इस बात का खंडन किया कि संतोष इस मामले में लिप्त है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी संतोष को फंसाने पर तुले है और आशंका जताई कि संतोष को फंसाने के लिए सबूत गढ़े जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस राजेंद्र अर्स को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाकर संतोष का नाम लेने के लिए दबाव डाल रही है।

येड्डियूरप्पा ने कहा कि पुलिस को रात 12बजे उनके निवास पर आने की कोई जरूरत नहीं थी और वे दिन में आकर भी पूछताछ कर सकते थे। पुलिस की जांच में दखल देने का उनका कोई इरादा नहीं है लेकिन बुरी नीयत या गलत इरादे से जांच नहीं की जानी चाहिए। राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने व किसी निर्दोष का उत्पीडऩ नहीं किया जाना चााहिए।

उधर, पुलिस का कहना है कि इस अपराध में अनेक लोगों का हाथ है। ऐसा लगता है कि अपहर्ताओं ने किसी के इशारे पर यह सब कुछ किया है।
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