दो हजार के नोट में नैनो चिप लगाने की हुई थी कोशिश
बैंगलोरPublished: Nov 29, 2016 08:57:00 pm
मॉडल नोट में यह पार्टिकल्स लगाए भी गए थे
बेंगलूरु. विमुद्रीकरण के बाद जारी हुए #2000 new note दो हजार रुपए के नए नोट में चिप होने की खबर भले ही गलत निकली मगर यह सच है कि नोट में चिप लगाने की कोशिश हुई थी। हालांकि, उसमें सफलता नहीं मिली।
तकनीक और लागत बना रोड़ा
दरअसल, #RBI भारतीय रिजर्व बेंक (आरबीआई) ने उसमें नैनो पार्टिकल्स (चिप) डालने की कोशिश की थी और मॉडल नोट में यह पार्टिकल्स लगाए भी गए थे। लेकिन, बाद में योजना रद्द कर दी गई क्योंकि उसके लिए स्कैनिंग मशीन उपलब्ध कराने की समस्या तो थी ही चिप के साथ नोट का उत्पादन भी काफी महंंगा साबित हो रहा था। अंतरिक्ष विज्ञानी एवं पूर्व इसरो अध्यक्ष प्रो.यू.आर. राव के मुताबिक नए नोट में कोई चिप नहीं है लेकिन इसके लिए प्रयास हुआ था ताकि जाली नोट नहीं तैयार किए जा सकें और उच्च मूल्य वाले नोटों पर नजर रखी जा सके।
…संभव नहीं होता जाली नोट तैयार करना
राव का मानना है कि अगर चिप लगाया जाता तो फिर दो हजार रुपए के जाली नोट तैयार करना नामुमकिन हो जाता। परंतु उसके साथ ही बड़े पैमाने पर स्कैनिंग मशीनों की आवश्यकता होती। इन्हीं कारणों के चलते उस योजना पर अमल नहीं किया गया।
उन्होंने बताया कि आरबीआई ने मंगलयान की तस्वीर मांगी थी जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने उसे उपलब्ध करा दी थी। लेकिन, यह बात किसी को नहीं पता थी कि मंगलयान की तस्वीर 2 हजार रुपए के नोट पर छपने वाली है। इससे पहले दो रुपए के नोट पर आर्यभट्ट उपग्रह की तस्वीर छपी थी। इसके बाद एक विदेशी उपग्रह की तस्वीर भी उपयोग में लाई गई थी। राव ने कहा उन्होंने विदेशी उपग्रह की तस्वीर के इस्तेमाल पर अपनी आपत्ति जताई थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में देश में छपने वाले नोट देश में ही उत्पादित कागज पर होगा। फिलहाल विदेशों से मंगाए गए कागज और स्याही से देशकी मुद्रा छपती है। इनके आयात पर काफी खर्च होता है। मगर, देश में उच्च गुणवत्ता वाले कागज और स्याही का बड़े पैमाने पर उत्पादन संभव है।