यूपीए की योजनाओं की मार्केटिंग कर रहे मोदी: जयराम रमेश
मोदी सरकार ने साल भर में 53 विधेयक पेश जिनमें से सिर्फ 5 ही पास हो पाए
बेंगलूरु. वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शनिवार को कहा कि सालभर में मोदी सरकार ने नया कुछभी नहीं किया बल्कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के शासनकाल में शुरू हुई योजनाओं के नाम बदलकर अपनी पीठ थपथपाई।
मोदी सरकार के एक साल की उपलब्धियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एक अच्छे विपणक हैं, उन्होंने यूपीए की योजनाओं की मार्केटिंग की। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार की निर्मल भारत को स्वच्छ भारत और वित्तीय समावेशन योजना को प्रधान मंत्री जन धन योजना के तौर पर प्रचारित वाह-वाही लूट रहे हैं।
संवैधानिक संस्थाएं का घटा मूल्य
उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश भर में अभियान चलाकर मोदी सरकार की विफलताओं को उजागर करेगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में संवैधानिक संस्थाओं का अवमूल्यन हुआ है। मोदी सरकार ने साल भर में 53 विधेयक पेश जिनमें से सिर्फ 5 ही पास हो पाए। अधिकांश विधेयक प्रवर समितियों के पास भेजने की स्थिति पैदा हो गई। ेरमेश ने कहा कि सरकार देश से भष्टाचार के खत्म होने और व्यवस्था के पारदर्शी होने का दावा कर रही है लेकिन मुख्य सतर्कता आयुक्त व मुख्य सूचना आयुक्त के पद क्रमश: 8 व 6 महीने से रिक्त पड़े हैं। सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता तथा जवाबदेही से बचने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही।
एकल व्यक्ति केंद्रित सरकार
रमेश ने मोदी को मर्डरर ऑफ डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशन की संज्ञा देते हुए कहा कि सुशासन की बात करने वाली भाजपा की सरकार व्यक्ति केंद्रित हो गई है। इस सरकार का मुखिया एक तानाशाह जैसा बर्ताव कर रहा है। इस मुखिया के हाथ में सत्ता का केंद्रीकरण होना चिंता की बात है। गणतंत्र में सत्ता के विकेंद्रीकरण को मान्यता है लेकिन यह सरकार विपरीत दिशा में चल रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा और मोदी यूपीए सरकार के कार्यकाल में जिन मुद्दों- परमाणु करार, जीएसटी, खुदरा बाजार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर विरोध करती थी और आज उन्हीं का समर्थन कर रही है। उन्होंने कहा कि चुनावी वादे मेंं जनता का हितैषी होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने कृषि, शिक्षा, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य जैसी योजनाओं के लिए बजटीय आवंटन में बड़े पैमाने पर कटौती की है।
रमेश ने मोदी के विदेशी दौरे के दौरान घरेलू राजनीतिक मसलों की चर्चा करने के लिए भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री ने ऐसा नहीं किया।