अभिव्यक्ति की आजादी और लेखकों पर हो रहे हमलों के विरोध में साहित्यकारों और फिल्मकारों के द्वारा अवॉर्ड लौटाने के बाद अब प्रसिद्ध वैज्ञानिक पी.एम. भार्गव भी अपना पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने जा रहे हैं।
अभिव्यक्ति की आजादी और लेखकों पर हो रहे हमलों के विरोध में साहित्यकारों और फिल्मकारों के द्वारा अवॉर्ड लौटाने के बाद अब प्रसिद्ध वैज्ञानिक पी.एम. भार्गव भी अपना पद्म भूषण अवॉर्ड लौटाने जा रहे हैं।
एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक सेंटर फॉर सेल्युलर ऐंड मॉल्यिक्यूलर बायोलॉजी के संस्थापक निदेशक और वरिष्ठ वैज्ञानिक भार्गव ने कहा कि तर्कवादियों, साहित्यकारों और विज्ञान पर हमले के विरोध में वे भी अपना सम्मान लौटा देंगे।
1986 में पद्म भूषण से सम्मानित किए गए भार्गव ने कहा कि मेरे लिए पद्म भूषण सम्मान का विशेष स्थान रहा है। लेकिन अब मेरा इस पुरस्कार से कोई लगाव नहीं रहा है।
ऐसे समय में जब सरकार धर्म को सांस्थानिक रूप देने का प्रयास कर रही है। आजादी छीनी जा रही है और वैज्ञानिकता को चोट पहुंचाई जा रही है। मैंने अपना सम्मान लौटाने का ही फैसला ले लिया है।
भार्गव ने कहा कि सम्मान लौटाने का यह उनका व्यक्तिगत फैसला है। उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि और वैज्ञानिक अपना सम्मान लौटाकर विरोध दर्ज कराएंगे या नहीं। भार्गव ने कहा कि हालांकि मुझे आशा है कि युवा वैज्ञानिक भी अपनी आवाज उठाएंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को देश के 135 वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति को संबोधित एक ऑनलाइन याचिका के जरिए देश में बढ़ती कट्टरता को परमाणु बम सरीखा खतरनाक बताया था।