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बाराबंकी

महामारी की तरह इस गांव में फैला डेंगू, 11 की मौत

बाराबंकी का एक ऐसा गांव जहां इस भयंकर जानलेवा बीमारी के डर से बाहरी लोगों ने इस गांव में आना ही छोड़ दिया है।

बाराबंकीSep 23, 2016 / 02:53 pm

आकांक्षा सिंह

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बाराबंकी। डेंगू बुखार से इस समय सिर्फ लोग परेशान और पीड़ित ही नहीं है बल्कि लोग डरे हुए हैं। बाराबंकी का एक ऐसा गांव जहां इस भयंकर जानलेवा बीमारी के डर से बाहरी लोगों ने इस गांव में आना ही छोड़ दिया है। गांव के प्राथमिक स्कूल से बच्चे एकदम से गायब हो गए और स्कूलों में सन्नाटा छा गया है। यह सब किसी भूत या प्रेत के डर से नहीं बल्कि इसका कारण है किसी महामारी की तरह इस गांव में फैले डेंगूं बुखार। केवल इसी गांव में डेंगू बुखार से 11 लोगों की मौत अब तक हो चुकी है। मगर स्वास्थ्य विभाग है कि इन मौतों का कारण डेंगू मान ही नहीं रहा लेकिन गांव वालों की बातों पर अगर विश्वास करें तो स्वास्थ्य विभाग की यह बातें बेमानी नज़र आती है। इस गांव का हाल यह है कि गांव के लगभग हर घर में एक मरीज बुखार से पीड़ित है। 

हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जनपद के थाना मसौली इलाके के सहावपुर गांव की। इस गांव की बात करें तो सिर्फ एक महीने के अन्दर 11 लोग मौत के आगोश में समां चुके हैं। इन सभी की मौत का कारण तेज़ बुखार ही रहा है। गांव वालों की अगर मानें तो इन सभी लोगों को जानलेवा डेंगू बुखार हुआ था। किसी महामारी की तरह फैले इस बुखार से गांव के लोग सहमें हुए हैं। हाल यह है कि बाहर से आने वाले लोग भी इस गांव में आने से डरने लगे हैं। 

गांव वालों का आक्रोश इस बात पर है कि इतनी मौतों के बाद भी बाराबंकी का स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन चुपचाप हाथ पर हाथ धरे बैठा है। न तो गांव में कोई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए और न ही इस बीमारी से बचाव के कोई उपाय ही किये गए। गांव में न तो सफाई करायी गई और न ही मच्छरों से बचाव के लिए फागिंग का इंतज़ाम किया गया। यहां का गरीब आदमी निजी अस्पतालों में आर्थिक तंगी की वजह से इलाज कराने में असमर्थ रहता है और सरकारी अस्पतालों में उनका मरीज भगवान भरोसे ही रहता है। गांव के तालाबों में नाले का भरा गन्दा पानी, गांव की बजबजाती नालियां और चारों ओर फैली गन्दगी जिला प्रशासन की अनदेखी की कहानी कह रही हैं। 


इस गांव के प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य की अगर मानें तो जब से इस भयंकर बीमारी ने इस गांव में दस्तक दी है तबसे बच्चों के अभिभावकों ने डर के मारे उन्हें स्कूल भेजना बन्द कर दिया है। जिससे स्कूल की संख्या आधी से भी कम हो गयी है और स्कूल में सन्नाटा फ़ैल गया है। तस्वीरों में अगर देखें तो पढ़ाने के लिए शिक्षक तो आते हैं मगर पढ़ने के लिए छात्र नहीं हैं। स्कूलों में पसरा सन्नाटा गांव में इस बीमारी के भयानक डर की तस्वीर साफ़-साफ़ बयान कर रही है। 

ग्रामीणों की अगर मानें तो जिन लोगों की रिश्तेदारियां इस गांव में हैं वह यहां बीमार हो जाने के डर से आते ही नहीं। अगर किसी की मौत पर उनको आना हुआ तो वह सीधे कब्रिस्तान आकर फ़र्ज़ अदायगी कर देते हैं। घर की तरफ न तो मुंह करते हैं और ना ही यहां का कुछ खाते-पीते हैं। खाने-पीने का सामान वह अपने साथ ही लेकर आते हैं। 

ग्राम प्रधान शहाबपुर की अगर मानें तो अब तक गांव में 13 मौत सिर्फ 20 दिनों में ही इस भयंकर बीमारी के कारण हो चुकी है। इसके मुताबिक यहां का जब कोई व्यक्ति बाहर जाता है तो वहां के लोग कहते हैं कि इसे वापस भेज दो नहीं तो यहां भी यह बीमारी फैला देगा। 

बाराबंकी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर डी.आर.सिंह ने डेंगू की वजह से हुयी मौत को सिरे से ख़ारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस गांव में काफी गन्दगी होने के कारण यहां इतनी ज्यादा मौतें हुए हैं। 
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