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वैकल्पिक व्यवस्थाओं पर शिक्षण व्यवस्था

locationबारांPublished: Jul 31, 2015 01:41:00 am

जिले के सरकारी स्कूलों
में जहां कई जगह शिक्षक पर्याप्त व जरूरत से ज्यादा भी हैं, वहीं कई स्कूलों में
छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों का खासा टोटा है।

Baran news

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बारां। जिले के सरकारी स्कूलों में जहां कई जगह शिक्षक पर्याप्त व जरूरत से ज्यादा भी हैं, वहीं कई स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों का खासा टोटा है। शिक्षा विभाग शिक्षकोें के पदस्थापन के इंतजार में फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था से ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहा वह भी उन विद्यालयों में जहां विद्यार्थियों व ग्रामीणों द्वारा तालाबंदी की जा रही है।

जिले में शिक्षण व्यवस्था का ऎसा ढर्रा चल रहा है। इसके चलते कई विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र एक माह होने के बावजूद शिक्षण व्यवस्था सुचारू रूप से चल ही नहीं पा रही। कई विद्यालयों में तो शिक्षक समय की पालना ही नहीं कर रहे। ऎसी स्थिति में रामगढ़ के विद्यालय में तो दो दिन तक बच्चों की जल्दी छुट्टी करनी पड़ी। आए दिन विद्यालयों पर तालाबंदी हो रही है। गुरूवार को तो अन्ता के बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं ने भी ताला लगा मार्ग पर जाम लगा दिया। गुस्सा इतना था कि छात्राएं घर से ताले लेकर आई थीं।

ऎसे भी हैं अनदेखी के हालात
अन्ता. यहां एनटीपीसी मार्ग पर स्थित बालिका राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय अन्ता में कक्षा 9 से 12वीं तक की लगभग 220 छात्राएं अध्ययनरत हैं किन्तु जो विषय यहां स्वीकृत हैं उन्हें पढ़ाने के लिए स्टाफ नहीं है। वहीं जो विषय रिक्त हैं उनके लिए पद स्वीकृति हैं। दूसरी ओर अन्ता क्षेत्र के अन्य कई विद्यालयों में भी अधिकारियों की अनदेखी के चलते यही हालात हैं। इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा। ऎसे में वहां भी छात्रों सहित अभिभावकों में रोष भड़कता जा रहा है।

ताला लगा स्कूल के सामने डटे रहे विद्यार्थी
किशनपुरा स्थित आदर्श विद्यालय में गुरूवार को शिक्षकों व जगह की कमी को लेकर विद्यार्थियों ने विद्यालय पर ताला लगा दिया। जानकारी के अनुसार क्रमोन्नत हुए इस विद्यालय में न पर्याप्त शिक्षक हैं न जगह। आक्रोशित विद्यार्थियों ने सुबह स्कूल खुलने के समय ही यहां तालाबंदी कर दी। विद्यार्थी स्कूल बंद कर मुख्य द्वार के सामने ही डटे रहे एवं स्टाफ को भी अंदर नहीं जाने दिया। बाद में शिक्षा अधिकारियों तक भी बात पहंुची। उन्होंने समस्या के समाधान का भरोसा दिलाया। एडीईओ रामकरण नागर ने बताया कि किशनपुरा स्कूल में जगह की तंगी के चलते विद्यालय की ओर से दो पारी में संचालन का प्रस्ताव आया है। इस पर इसे ऊपर भेजा जाएगा वहीं फिलहाल अस्थायी तौर पर दो पारी में संचालन को कह दिया गया है।

घर से ताले ले आई छात्राएं
अन्ता। व्याख्याताओं की कमी को लेकर यहां स्थित बालिका राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की छात्राओं का आक्रोश गुरूवार को भड़क गया। ऎसे में दर्जनों छात्राओं ने विद्यालय के मुख्य द्वार पर प्रात: ताला जड़ने के बाद स्कूल परिसर के सामने से निकलता काचरी मार्ग जाम कर दिया। जाम के बाद वहां एनटीपीसी सहित काचरी की ओर जाने कई वाहन फंसे रहे। शिक्षा मंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पलायथा ग्राम से सामाजिक, अंग्रेजी एवं गृह विज्ञान के वरिष्ठ अध्यापकों सहित माध्यमिक विद्यालय अन्ता से राजनीति विज्ञान के एक व्याख्याता की इस विद्यालय में नियुक्ति का आदेश मौके पर ही निकालने के बाद छात्राओं का गुस्सा शांत हुआ।

छात्राओं का कहना है कि इस विद्यालय में गृह विज्ञान की पोस्ट पिछले 10 साल से खाली है तथा यहां पद स्थापित संस्कृत की व्याख्याता को एक साल से उनके गृह जिले में प्रतिनियुक्ति पर लगा रखा है। दूसरी ओर ड्राइंग, सामाजिक एवं अंगे्रजी व्याख्याता का पद रिक्त चल रहा है। वहीं राजनीति विज्ञान एवं हिन्दी साहित्य की पोस्ट ही यहां से हटा दी गई जबकि कई छात्राएं इन्हीं विषयों में अध्ययन कर रही हैं। छात्राएं इतने आक्रोेश में थी कि वह घर से ताले लेकर आई जिन्हें प्रात: ही विद्यालय के मुख्य द्वार पर लगा दिया। ऎसे में स्कूल स्टाफ बाहर खड़ा रहा। इस बीच छात्राओं ने वहां पुलिस की भी नहीं सुनी।

बरामदे मे चल रही कक्षाएं
नाहरगढ़. नाहरगढ़ मुख्यालय पर स्थित राजकीय बालिका उच्च प्राथमिक विद्यालय कुल पांच कक्ष है। जो कक्ष हैं भी वह भी टपकते है। इसके चलते छात्राओं को बरामदो में पढ़ने की मजबूरी बनी हुई है। विद्यालय में कई साल पहले कम्प्यूटर आए थे। लेकिन देखरेख के अभाव में यह कम्प्यूटर धूल खा रहे हैं। ऎसे में बालिकाओं को कम्प्यूटर शिक्षा का भी लाभ नहीं मिल पा रहा। वहीं एक ही कमरे में कम्प्यूटर और पोषाहार का सामना पड़ा रहता है। जिससे विद्यालय में अव्यवस्था रहती है। विद्यालय भवन में अंधेरा पसरा रहता है। यहां बिजली का अभाव है। बच्चों को शुद्ध पानी के लिए भी तरसना पड़ता है। आवारा मवेशी घूमते रहते है। विद्यालय में तीन सौ छात्राओं का नामांकन है वहीं एक दर्जन से अधिक शिक्षक हैं।

इस बारे में जिला शिक्षा अधिकारी प्रा. रामकृष्ण मीणा ने कहा कि समानीकरण के बाद ही विद्यालय में छात्राओं के नामांकन के अनुरूप शिक्षकों की नियुक्ति हो सकेगी। पोषाहार बनवाने के लिए प्रधानाध्यापक को नोटिस दिया जा चुका है। बाकी की अव्यवस्थाओं को सुधारने के लिए भी प्रयास किया जाएगा।
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