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पुराने भवनों की कदर नहीं

locationबारांPublished: Feb 04, 2016 10:45:00 pm

उपखंड मुख्यालय स्थित खाली पड़े कई सरकारी भवन उपेक्षा के चलते खंडहर व वीरान हो रहे हंै। कुछ वर्षो पूर्व तक

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छबड़ा।उपखंड मुख्यालय स्थित खाली पड़े कई सरकारी भवन उपेक्षा के चलते खंडहर व वीरान हो रहे हंै। कुछ वर्षो पूर्व तक इन भवनों में सरकारी कार्यालय संचालित होते थे तो कोई भवन अधिकारियों के आवास हुआ करते थे। विभिन्न विभागों के नवीन भवन बनने के बाद यह विभाग नवीन भवनों में स्थानांतरित हो गए एवं पुराने भवन खाली पड़े है। जो अधिकारिक उपेक्षा के शिकार होकर दरकने लगे है।


 प्रशासन या संबंधित विभागों द्वारा इन खाली भवनों का कोई भी विकल्प के रूप में उपयोग नहीं किया जा रहा। जबकि इन भवनों में कोई भी सरकारी कार्यालय या स्कूल संचालित हो सकते है, लेकिन उदासीनता व उपेक्षा के चलते करोड़ों रुपए के यह भवन बदहाली का शिकार हो रहे है। खाली होने के बाद से अब तक इनकी मरम्मत एवं रंग रोगन नहीं होने से यह भवन गंदगी में विचरण करने वाले आवारा जानवरों की सैरगाह बन रहे है। इनमें हो रही गंदगी के चलते आसपास के लोग परेशान हाल है। आम नागरिकों का कहना हैं कि सरकार द्वारा करोड़ों रुपए लगा कर नवीन कार्यालय व आवासीय भवन बनवाए जा रहे है जबकि पुराने भवन छोटी सी राशि सेे फिर से चमक दमक सकते हैं।


पुराने अस्पताल के समीप धर्मशाला के पीछे स्थित भवन जिसमें होम्योपैथिक चिकित्सालय चलता था। अब यह चिकित्सालय पुराने आयुर्वेद भवन में स्थानांतरित होने से यह भवन भी लावारिस स्थिति में है और देखरेख के अभाव में जर्जर हो रहा है। ऐसे में खाली पड़े भवन समाजकंटकों व मवेशियों की शरण स्थली बने हुए है।


दरक रहे यह

यहां ब्रह्मपुरी मोहल्ले में पुराने एसडीएम न्यायालय परिसर में जहां एक हिस्से में पिछले वर्ष तक ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी का कार्यालय एवं मुख्य गेट के समीप ही दुमंजिला भवन इमारत, जिसमें एसडीएम कार्यालय संचालित होता था। दोनों कार्यालय नवीन भवनों में स्थानांतरित होने से पुराने भवनों में तालेे लटके हुए है। अब यह देखरेख के अभाव में जर्जर अवस्था में पहुंच रहे हैं।

यहां जानवरों का बसेरा


पुरानेे छबड़ा में ही एसडीम न्यायालय के बाहर स्थित भवन जिसमें एसीजेएम व एडीजे कोर्ट संचालित होते थे। दोनों कोर्ट कुंभराज मार्ग पर नवीन न्यायालय परिसर भवन में स्थानांतरित होने से पुराना भवन खाली होने के बाद अब तक इसमें भी ताले पड़े है। भवन के बरामदे के टीन एंगल गायब हो गए तो दीवारें दरक गई और दरवाजे खिड़कियां टूट गए। अब यह आवारा जानवरों का बसेरा बने है। स्टेशन रोड पर एसडीएम आवास से सटे सार्वजनिक निर्माण विभाग के आवासीय भवन के भी हाल बेहाल है। इस भवन में 9 वर्ष पूर्व तक निर्माण विभाग के अभियंता निवास करते थे। कुछ वर्ष यहां अस्थायी रूप से भाविप का अस्पताल चला।

 इसके बाद से यह भवन भी वीरान पड़ा है। अलीगंज बाजार में स्थित गांधी भवन यहां महज दो वर्ष पूर्व तक नगर पालिका संचालित होती थी। जो नवीन भवन में स्थानांतरित होने के बाद से खाली पड़ा है। इस भवन के दोनों सीड़ी वाले मुख्य गेटों में ताले लगे हुए है। इस भवन के निचले हिस्से की दीवारें दरकने लगी है तथा दूसरी मंजिल की छत भी दरक गई। रंग-रोगन के अभाव में अच्छा खासा भवन बेकार एवं लावारिस पड़ा है।
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