आरएसएस अब मुस्लिमों को रिझाने की कोशिश में लगा
बरेलीPublished: Jul 19, 2015 07:45:00 pm
प्रस्तावित कांफ्रेस में कई राज्यों से लगभग दो हजार उलेमा हिस्सा लेंगे…
बरेली। बहुसंख्यकों के लिए काम करने और उनके हितों की लडाई लडने वाला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आरएसएस अब मुस्लिमों को रिझाने में लग गया है और इसके लिये उससे जुडा राष्ट्रीय मुस्लिम मंच रोजा इफ्तार के बाद अब ऑल इंडिया उलेमा कांफ्रेंस आयोजित कर रहा है। आगामी आठ अगस्त को यहां रवीन्द्रालय में प्रस्तावित कांफ्रेंस में केरल, तमिलनाडु असम और कर्नाटक समेत कई राज्यों से लगभग दो हजार उलेमा हिस्सा लेंगे।
आयोजन देश हित में
मंच के सह संयोजक महिरध्वज सिंह ने आज ने बताया कि उलेमा कांफ्रेस के आयोजन का मकसद दहशत, दंगा, हिंसा और नफरत मुक्त भारत का निर्माण करना है। कांफ्रेस के मकसद में मोहब्बत एअमनएसलाहियत और सलामियत युक्त भारत बनाना है। श्री सिंह ने कहा कि उलेमा कांफ्रेस को किसी राजनीतिक मकसद से नहीं जोड कर देखा जाना चाहिये। यह आयोजन देश हित में है।
उनका दावा है कि इससे तमाम आशंकायें स्वत ही खत्म हो जायेंगी। उन्होंनें कहा कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच रोजा इफ्तार के बाद अब ईद मिलन समारोह भी लगातार आयोजित कर रहा है। बरेली में आज ईद मिलन समारोह के बाद कल मुरादाबाद में इसका आयोजन है। उन्होंनें कहा कि उत्तर प्रदेश में दो सौ तथा पूरे देश में एक हजार पांच सौ ईद मिलन कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
आरएसएस अब मुस्लिमों में भी अपनी पैठ बनाना चाहता
गौरतलब है कि संघ के अनुशांगिक संगठन या राजनीतिक शाखा भारतीय जनता पार्टी में खासतौर पर मुस्लिमों को जोडने के लिये अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रावधान है लेकिन राष्ट्रीय मुस्लिम मंच सीधे संघ से जुडा माना जाता है। इसके संयोजक इन्द्रेश हैं जो आरएसएस के अगली कतार के नेता माने जाते हैं। आरएसएस अब मुस्लिमों में भी अपनी पैठ बनाना चाहता है। इसीलिये इस मंच का गठन कर कार्यक्रम आयोजित कराये जा रहे हैं। मंच के प्रस्तावित उलेमा कांफ्रेस पर राजनीतिक दलों की भी नजर है।
हिन्दू महासभा करेगी विरोध
हिन्दू महासभा ने जहां इसके विरोध की घोषणा की है तो कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इसे महज ढोंग बता रही है। हिन्दू महासभा के प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तिवारी ने आज कहा कि उनका संगठन कांफ्रेस का विरोध करेगा। सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि संघ से जुडे लोग दोहरी राजनीति के आदी हो गये हैं। ऐसे सम्मेलन या कांफ्रेस से किसी को कोई लाभ नहीं होने वाला है।
उलेमाओं और मुसलमानों को यह पता है कि कौन उनका हितैषी है। कांग्रेस की तरह संघ अब उन्हें बरगला नहीं सकता। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मारुफ खान ने मंच के प्रस्तावित इस आयोजन को महज ढोंग बताया और कहा कि ऐसे आयोजन से लोग भ्रमित होने वाले नहीं हैं।