वक्ता बीतता गया, कई सरकारेें आईं और गईं लेकिन यह गांव आज भी वहीं की वहीं है। आज भी इस गांव को तरक्की के रास्ते का इंतजार है।
बरेली। विकास न होने और अव्यवस्थाओं के विरूद्ध बरेली के मीरगंज के बल्ली गांव के ग्रामीणों ने आवाज़ उठानी शुरू कर दी है। ग्रामीणों ने गांव का संपर्क मार्ग न बनने और विकास कार्यों से वंचित रखने के विरोध में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया है। ग्रामीण गांव की दीवारों पर रोड नहीं तो वोट नहीं लिखवा कर अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं। रोड नहीं तो वोट नहीं यह नारा बरेली के बल्ली गांव की हर दीवार पर लिखा देखा जा सकता है।
मूलभूत सुविधाओं से वंचित गांव यह नारा शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट करने का एक रास्ता है। जिसे ग्रामीणों ने अपनाया है। बल्ली गांव के दो संपर्क मार्ग हैं लेकिन दोनों का होना न होना बराबर है क्योंकि यह दोनों ही कच्चे अधबने रास्ते हैं। सूखे मौसम में यहां धूल के सिवा कुछ नहीं होता और बरसात में यह मार्ग नाले में तब्दील हो जाते हैं। संपर्क मार्ग न होने से गांव शहर से नहीं जुड़ पा रहा है। जिस कारण गांव में विकास नहीं हो पा रहा है। गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है। लोगों का कहना है कि संपर्क मार्ग न होने से न तो गांव के बच्चे पढ़ने बाहर जा सकते हैं और ग्रामीणों को रोज़मर्रा की ज़िंदगी में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सांसद-विधायक ने नहीं कराया कोई कार्य गांव वालों का आरोप है कि गांव में अभी तक सांसद और विधायक के द्वारा कोई भी काम नहीं कराया गया है गांव के संपर्क मार्ग के लिए ग्रामीण कई बार प्रस्ताव दे चुके हैं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई पिछले पांच सालों से यह लोग अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन इनकी किसी ने भी नहीं सुनी। मजबूर होकर उन्हें वोट का बहिष्कार करना पड़ा। वहीं ज़िले के मुख्य विकास अधिकारी शिव सहाय अवस्थी का कहना है कि शासन से बात कर गांव में जल्द ही संपर्क मार्ग का काम शुरू कराया जायेगा हालांकि प्रस्ताव पहले ही भेजा जा चुका है।