फिर टूटा एनिकट, खेतों में घुसा पानी
बाड़मेरPublished: Aug 27, 2015 12:20:00 am
क्षेत्र के डोली
राजगुरा व अराबा दूदावतां के ग्रामीणों के लिए रसायनिक पानी जी का जंजाल बन गया है।
मंगलवार रात यह एनिकट फिर टूट गया
कल्याणपुर। क्षेत्र के डोली राजगुरा व अराबा दूदावतां के ग्रामीणों के लिए रसायनिक पानी जी का जंजाल बन गया है। मंगलवार रात यह एनिकट फिर टूट गया और प्रदूçष्ात पानी खेतों में प्रवेश कर गया। समीपवर्ती डोली राजगुरां व अराबा दूदावतां की सीमा पर बना कच्चा एनिकट लगातार औद्योगिक इकाइयों के रासायनिक व सीवरेज पानी की आवक से मंगलवार रात फिर से टूट गया।
प्रदूषित पानी के अराबा दूदावतां के खेतों में पहुंचने की जानकारी पर बड़ी संख्या में ग्रामीण रात को ही मौके पर पहुंचे। रेत के कट्टे रखकर बहाव को रोकने के प्रयास शुरू किए। साथ ही इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गई। इस पर उप तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार, कल्याणपुर थानाधिकारी राजेश मीणा मय जाब्ता मौके पर पहुंचे। बुधवार शाम तक ग्रामीण एनिकट की मरम्मत में जुटे रहे।
अति.संभागीय आयुक्त ने लिया जायजा
बुधवार को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त वन्दना सिंघवी ने डोली राजगुरां के आबादी क्षेत्र में फैले प्रदूषित पानी, नाले से अविरल बहते पानी, डोली कलां व ग्वालनाडा रोड का जायजा लिया। डोली-अराबा सीमा पर एनिकट की मरम्मत में जुटे ग्रामीणों से डोली व अराबा के खेतों में पसरे पानी से हो रहे नुकसान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रशासन समस्या के स्थायी समाधान को लेकर जुटा हुआ है। जोधपुर की इकाइयों को बन्द करवाने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। जोधपुर से डोली तक 5-7 जगहों पर एनिकट बनाकर पानी के बहाव को रोका जाएगा।
जमीन बंजर, फसलें चौपट
प्रदूषित पानी का बहाव हजारों बीघा भूमि पर होने से जमीनें बंजर हो रही है। डोली कलां, राजगुरां, खुर्द, साहिबनगर, अराबा दूदावतां, चौहान, नागणेचा, निम्बाखेड़ा, कल्याणपुर, सीतली गांवों में ग्रामीण दूçष्ात पानी से नारकीय जीवन जीने को मजबूर है। खेतों में पानी का भराव होने से फसलें चौपट हो रही है। पशुपालकों के सामने पशुओं के चारे-पानी का संकट खड़ा हो रहा है। प्रदूषित पानी के रिसाव से जलस्त्रोत भी खराब हो रहे हैं।
जताया रोष
अराबा निवासी भैरूसिंह, वेरिसालसिंह, डोली निवासी सूजाराम गोदारा ने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीण पिछले आठ सालों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं, लेकिन राजस्व राज्यमंत्री अमराराम चौधरी उनकी समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं। पहले जब कांग्रेस सरकार में तत्कालीन विधायक मदन प्रजापत इस समस्या को लेकर धरने पर बैठे, तब चौधरी ने सरकार के विधायक के धरने पर बैठने को शर्मनाक बताते हुए कहा था कि हमारी सरकार होती तो चौबीस घण्टे में पानी बन्द करवा देते। अब भाजपा की सरकार बने 20 माह गुजर गए हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। मंत्री ने विधानसभा में पैरवी तक नहीं की।