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सलवा जुडूम-2 रमन-कल्लूरी की साजिश : बघेल

locationबस्तरPublished: May 27, 2015 01:06:00 pm

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल ने सलवा जुडूम – 2 को मुख्यमंत्री
डॉ. रमन सिंह और बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी की सोची समझी साजिश का हिस्सा
बताया है।

pcc president bhupesh bhaghel

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जगदलपुर. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष भूपेश बघेल ने सलवा जुडूम – 2 को मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी की सोची समझी साजिश का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि इसमें शहीद महेंद्र कर्मा के पुत्र छविंद्र कर्मा को मोहरा बनाने की कोशिश की जा रही है, पर कांग्रेस इस साजिश को अच्छी तरह समझती है, लिहाजा उसने सलवा-जुड़ूम: दो का विरोध किया है।

झीरम घाट नरसंहार की दूसरी पुण्यतिथि के मौके पर शहीदों को श्रध्दांजलि देने जगलपुर पहुंचे कांग्रेस अध्यक्ष बघेल ने सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री और आईजी बस्तर कल्लूरी पर सीधा हमला बोला।

उन्होंने कहा कि सलवा जुडूम- 2 के नाम पर हथियारधारी माओवादियों के खिलाफ फिर एक बार निहत्थे ग्रामीणों को झोंकने की साजिश रची जा रही है। यह पूरा खेल प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह और बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी के इशारे पर बस्तर टाइगर महेन्द्र कर्मा के सुपुत्र छविन्द्र कर्मा को मोहरा बनाकर किया जा रहा है। छविन्द्र वे सीधे-सादे हैं और इसकी फायदा मुख्यमंत्री और आईजी उठा रहे हैं।

बघेल ने कहा कि सलवा जुडूम- 2 जैसे आंदोलन का कांग्रेस पुरजोर विरोध करेगी। माओवादियों का उन्मूलन का काम सरकार का है, पर वह एेसा करने में नाकाम रही है। पूरा प्रदेश माओवादी हिंसा की आग में जल रहा है, ऐसे में मुख्यमंत्री माओवादियों को छत्तीसगढ़ का सपूत बताते हैं। यही नहीं दुर्दांत हत्याकाण्ड में शामिल माओवादियों को लाखों रुपए इनाम दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने दो दिन पहले ही झीरम हमले में शामिल माओवादी किरण के आत्मसमर्पण करने का दावा किया है।

इस माओवादी को पुनर्वास नीति के तहत आठ लाख रुपए इनाम के तौर पर देते हुए अभयदान दे दिया गया। ऐसे में क्या रमन सिंह ने उन परिवारों के बारे में सोचा, जिसने इस जघन्य हत्याकाण्ड में अपने परिजनों को खोया है। इससे राज्य सरकार का असली चेहरा उजागर होता है।

झीरम पर गुमराह कर रही सरकार

बघेल ने माओवादी उन्मूलन पर सरकार की भूमिका को संदिग्ध बताया। उन्होंने कहा कि सरकार झीरम मामले को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। झीरम बरसी के ठीक पहले आत्समर्पित माओवादी किरण व एनआईए के अफसर का बयान आता है कि झीरम में कांग्रेसी नेताओं पर नहीं बल्कि सीआरपीएफ जवानों पर हमले की योजना थी, यह बयान पूरी तरह से फर्जी और सरकार के इशारे पर दिया गया बयान है। उन्होंने कहा कि काफिल के ठीक पहले २८ जवान की आरओपी निकली थी और वे हथियारों से लैस थे। माओवादियों को यदि सीआरपीएफ पर हमला करना होता तो वे उस समय हमला करते, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक माओवादियों ने झीरम वारदात में नेताओं को पूछ-पूछ कर मौत के घाट उतारा था, जिससे स्पष्ट होता है कि माओवादियों के इरादे क्या थे।

समर्पण फर्जी

प्रदेशाध्यक्ष ने माओवादियों के समर्पण को फर्जी करार दिया है। बघेल ने कहा कि कल्लूरी जब से बस्तर आईजी बने हैं, तब से भोले-भाले ग्रामीणों को माओवादी बताकर फर्जी आत्मसमर्पण कराया जा रहा है। इससे पहले कल्लूरी जब बस्तर में डीआईजी थे तब उन्होंने ताड़मेटला काण्ड में बारह वर्षीय आदिवासी बालक बारसा पेटा को मास्टर माइण्ड बता दिया था। अब फिर से जब वे यहां पदस्थ हुए हैं तो हर दूसरे दिन आठ-दस लाख के इनामी माओवादियों को पकडऩे की बात कही जा रही है पर सरकार से विधानसभा में इक्का-दुक्का माओवादियों पर ही लाखों का इनाम बताया गया, जबकि बाकी सभी दो-पांच हजार के इनामी थे। यदि सरकार के पास वाकई में इनामी माओवादियों की सूची है तो इसे सार्वजनिक कर उन्हें पुनर्वास के लाभ का भी खुलासा करंे।

सलवा-जुडूम गलत नहीं था : कल्लूरी

हम कहते रहे कि ये शांति संघर्ष समिति है। माओवादियों की हिमायतियों ने सलवा जुडूम-2 का नाम दे दिया। फरसपाल में महेंद्र कर्मा की दूसरी बरसी पर पत्रकारों से रुबरू होते हुए उक्त बाते स्व. महेंद्र कर्मा के बेटे छबिंद्र ने कही। इतना ही नही छबिंद्र ने ये भी कहा कि माओवादी कितनी भी दहशत फैला लें, सगे संबंधियों को मौत के घाट उतार दें, लेकिन संघर्ष समिति का शांति लाने के लिए अंदरूनी क्षेत्रों के गांव में जाकर समस्याओं को सुनेगी और सरकार के सामने रखा जाएगा। भले ही इस नेक काम के लिए जान जोखिम में डालनी पड़े। माओवादियों ने रविवार रात दो रिश्तेदारों को मौत के घाट भी उतार दिया। वहीं शांति भोज में पहुंचे आईजी एसआरपी कल्लूरी ने तो अपनी व्यक्तिगत राय में सलवा जुडूम को भी गलत न मानने की बात कही। उन्होंने खुले शब्दों में कहा सलवा जुडूम गलत नहीं था। यदि बस्तर के भोले-भाले लोग सही रास्ते पर आते हैं तो इसमें गलत क्या है। इस दौरान कलक्टर केसी देव सेनापति और एसपी कमलोचन कश्यप भी मौजूद थे।
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