बस्ती का भदेश्वरनाथ धाम और कांवरमेला पूरे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है…
Sawan,
बस्ती. सावन के पवित्र महीने में अयोध्या से जल भरकर भदेश्वरनाथ धाम सहित विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक करने के लिए कांवरियों का जत्था उमड़ पड़ा। जिसके लिये 18 तारिख से ही गोरखपुर लखनऊ हाईवे के प्रशासन ने पूरी तरह से बंद कर दिया था।
गुरुवार की रात से ही श्रद्धालु जल लेकर भदेश्वरनाथ के लिए कूच कर गए। वहीं जगह-जगह राजनीतिक दलों के नेताओं और स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया है। जिसमें जलपान से लेकर चिकित्सा सेवाएं श्रद्धालुओं को दी जा रही हैं।
कांवर यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है। बीते शनिवार से ही हजारों श्रद्धालुओं का जत्था अयोध्या जल लेने के लिए रवाना हुआ था। सरयू का जल भरकर रविवार की रात से ही श्रद्धालु बोल बम के जयकारों व डीजे की धुन पर थिरकते हुए निकल रहे थे।
वैसे तो श्रावण मास में शिव मंदिरों पर जलाभिषेक एवं शिव पूजन अर्चन के लिए श्रद्धालुओं की आवाजाही बढ़ जाती है। बस्ती का कांवरमेला पूरे पूर्वांचल में प्रसिद्ध है।
जनपद मुख्यालय से 6 किमी दूर स्थित भद्रेश्वरधाम में तेरस के अवसर पर जलाभिषेक के लिए शिवभक्त पूरे साल तैयारी करते हैं। इस बार कांवर यात्रा 18 जुलाई से शुरू हो चुकी थो। जिसका समापन आज जलाभिषेक के साथ हुआ।
कांवरियों 60 किमी दूर पैदल भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या स्थित सरयू नदी का जल लेने जाते हैं और वहां से 20 जुलाई को लौटते हैं, उस दिन मध्यरात्रि तक वह जल लेकर डारीडीहा पहुंचते हैं। रात में एक बजे से ही मंदिर का कपाट खुल जाता है। इस तरह 21 जुलाई यानि को पूरे दिन भर कांवरिया जलाभिषेक को मंदिर में पहुंचते रहते हैं।
ऊपर से सूर्य देवता की गरमी और नीचे तपती सड़क पर चल रहे कांवरियों के मुंह से ऊफ की जगह बोलबम निकलता रहा। दोपहर में जब तपती सड़क पर चलना मुश्किल हुआ तो कांवरियों ने सड़क की पटरियों और बीच में बने डिवाइडर पर मिट्टी और फूलों के बीच से होकर चलने लगे। थक जाते तो कुछ पल के लिए कंधे पर रखा तौलिया डालकर जमीन पर लेट जाते। शाम को तेज हवा के साथ बारिश शुरू हुई तो खुश होकर कांवरियां नाचने गाने लगे। पूरी रात भर कांवरियों को रेला टूटने का नाम नहीं ले रहा था। बच्चे से लेकर महिला और बुजुर्गो व जवानो के बीच कांवड यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित नजर आ रहे हैं।