विद्यालय में शिक्षक और छात्रों की संख्या बराबर, सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चे नहीं आ रहे स्कूल
बस्ती. यूपी में सरकार प्राथमिक शिक्षा के नाम पर भले ही करोड़ों रूपये खर्च कर रही हो, मगर सरकार की योजना बच्चों को स्कूल तक लाने में असफल ही साबित हो रही है। बस्ती के बीएसए कार्यालय के पास के प्राथमिक स्कूल में बच्चों की संख्या शिक्षक की संख्या के बराबर है, जिसका नतीजा है कि एक क्लास में एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाने का मजबूर हैं।
राजकीय आदर्श विद्यालय परिषदीय के नाम से इस स्कूल में प्राईमरी की कक्षायें भी संचालित होती है। कक्षा एक से लेकर कक्षा 9 तक के इस स्कूल में छात्रों के नाम पर महज 6 बच्चे नजर आते हैं। पंजीकरण के नाम पर परिषदीय में 17 और प्राईमरी में मात्र 12 बच्चों का नाम है। हालांकि बच्चों की संख्या शिक्षक की संख्या के बराबर होने के बावजूद भी इस स्कूल के बच्चों को शिक्षा देने में लापरवाही की जा रही है। हालत यह है कि बच्चे सामान्य सवालों के भी जवाब नहीं दे पाये।
वहीं शिक्षक और छात्रों की संख्या बराबर होना सर्व शिक्षा अभियान योजना के मुंह पर सीधा तमाचा है। वहीं स्कूल की टीचरों की दलील है कि वे काफी मेहनत करते हैं मगर बच्चे आना नहीं चाहते या फिर कोई बहाना बनाकर गायब हो जाते हैं।