वट वृक्ष के पत्तों से दूर होते हैं पिंपल्स
Published: Jul 06, 2015 10:26:00 am
वट वृक्ष के पत्तों को तवे पर सेककर सहने योग्य स्थिति में पिंपल्स
के ऊपर बांधने से लाभ मिलता है
वट वृक्ष (बरगद) की तासीर ठंडी होती है जो कफ, पित्त की समस्या को दूर कर रोगों का नाश करती है। बुखार, स्त्री रोग संबंधी समस्याएं, उल्टी और त्वचा के रोगों में वट वृक्ष के पत्तों, जड़ों और दूध का प्रयोग फायदेमंद होता है।
पत्ते हैं उपयोगी
वट की कोपलें चेहरे की कांति बढ़ाने का काम करती हैं। इसके पत्तों को तवे पर सेककर सहने योग्य स्थिति में फोड़ों या पिंपल्स के ऊपर बांधने से लाभ मिलता है। इसके पत्तों की लुग्दी बनाकर शहद और शक्कर के साथ लेने से नकसीर की समस्या में आराम मिलता है। वट के बीजों को पीसकर पीने से उल्टी आने की समस्या दूर होती है।
दूध भी गुणकारी
जिस दांत में कीड़ा लग गया हो वहां इसके दूध में भीगा फोहा रखने से लाभ होता है। वट का दूध, शक्कर के साथ लेने से बवासीर में लाभ होता है। वट का दूध लगाने से सूजन कम हो जाती है। वट के दूध का लेप कमर पर करने से दर्द में लाभ होता है।