किसानों का दर्द जानने खेत में उतर गई कलक्टर
बेमेतराPublished: Sep 02, 2016 03:57:00 pm
पूरे देश में बाढ़ की स्थिति और छत्तीसगढ़ के कई जिले सूखे की चपेट में है। किसानों को अकाल की काली साया दिखाई देने लगी है।
Knowing the pain of the farmers in the field, alighted collector
बेमेतरा. पूरे देश में बाढ़ की स्थिति और छत्तीसगढ़ के कई जिले सूखे की चपेट में है। किसानों को अकाल की काली साया दिखाई देने लगी है। सूखे से प्रभावित किसान शासन से फसलों को बचाने से नहर से पानी छोडऩे की मांग कर रहे हैं वहीं गैर अपासी वाले किसान खड़ी फसलों को पशुओं को चराने के लिए मजबूर है।
सूखा प्रभावित क्षेत्र का दौरा
सूखे की चपेट में न सिर्फ दुर्ग जिले के पाटन ब्लाक बल्कि बेमेतरा जिले के अधिकतर ब्लॉक शामिल है। बेमेतरा के कलक्टर रीता शांडिल्य ने शुक्रवार को अधिकारियों के साथ सूखा प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। वे कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ गांव अंधियारखोर के खेतों में उतर कर वस्तुस्थिति से अवगत हुई।
किसानों ने अपना दुखड़ा सुनाया
उन्होंने प्रभावित किसानों से चर्चा भी की। किसानों ने उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया। सहकारी समितियों से खाद, बीज के लिए कर्ज एवं सूखे के कारण होने वाला आर्थिक नुकसान से अवगत कराया। संबंधित विभाग के अधिकारियों को सूखे का आकलन कर मुआवजा के लिए रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए।
छह टीम करेगी निरीक्षण
इस दौरान उन्होंने प्रभावित किसानों को बताया कि जिले में सुखा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण एवं फसल क्षतिपूर्ति का आकलन करने छह टीमें बनाई गई है। यह टीम क्षेत्र के सूखे वाले गांवों का निरीक्षण कर क्षति का आकलन करेगी। उन्होंने बताया कि टीम की ओर से जो रिपोर्ट बनाई जाएगी उसे शासन को भेजा जाएगा। रिपोर्ट के आधार पर ही शासन क्षतिपूर्ति और मुआवजा राशि तय करेगा।