बेमेतरा. किसानों को लंबे इंतजार के बाद कृषि विज्ञान केन्द्र का लाभ मिलेगा। पूर्व में कृषि महाविद्यालय में संचालित किए जाने के कारण किसानों के चार महीने तक केन्द्र का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया था। अब केंद्र के ग्राम झाल में संचालन के लिए स्थान तयकर लिया गया है, जहां पर किसानों को प्रशिक्षित किए जाने की तैयारी है। करीब 50 एकड़ में केंद्र संचालित होगा।
50 एकड़ जमीन एलाट
जानकारी हो कि जिला मुख्यालय में कृषि विज्ञान केंद्र खोलने के लिए किए गए घोषणा के बाद बीते 1 अप्रैल से केवल औपचारिक तौर पर कृषि महाविद्यालय में चलाया जाता रहा है। अब केंद्र का लाभ किसानों तक पहुंचाने के लिए केंद्र के महाविद्यालय से अलग कर नए स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया है।
केंद्र के प्रमुख डॉ सीआर नेताम के अनुसार, शासन की मंशा के अनुसार ग्राम झाल में केन्द्र के लिए 50 एकड़ जमीन एलॉट की गई है, जहां किसानों को जैविक खेती, डेयरी यूनिट, बीज उत्पादन, केंचुआ खाद, एजोला घास सहित अलग-अलग यूनिट में प्रशिक्षण दिया जाएगा। केन्द्र का संचालन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद व इंदिरा गांधी विश्वविदयालय, रायपुर द्वारा किया जाएगा।
स्टॉफ कम, संविदा से होगा काम
केन्द्र के लिए 16 पदों का सेटअप स्वीकृत किया गया है, जिसमें संस्था प्रमुख पद कार्यरत हैं। वहीं विषय विशेषज्ञ के 6 पदों में से चार पद रिक्त हैं। एक प्रबंधक का पद का स्वीकृत हैं जो रिक्त है। इसके अलावा सहायक ग्रेड एक व दो के एक-एक पद रिक्त हैं, इसमें ड्राइवर व चौकीदार का पद रिक्त है। इस तरह से 16 पदों में से 4 पदों पर ही स्टाफ है। रिक्त पदों में संविदा कर्मियों की नियुक्ति की जाएगी।
किसान सीखेंगे फलों की पैदावार
केन्द्र में फलदार पौधों की पैदावार के लिए मातृवाटिका योजना तैयार की गई है, जहां किसानों को उन्नत किस्म के फलों के पैदावार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए जिला पंचायत को प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत किया जा गया है।