वैज्ञानिकों ने पृथ्वी से 75 प्रकाश वर्ष की दूरी पर मौजूद एक सौर व्यवस्था में होने वाले मौसम के बदलाव के संबंध में जानकारी जुटाई है। किसी दूसरे सौर व्यवस्था के मौसम की जानकारी जुटाने में संबंध में ये वैज्ञानिकों की ये पहली सफलता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन के दौरान पाया कि दूसरी सौर व्यवस्था में जो ग्रह जैसी संरचनएं दिखी, उन पर गर्म धूल और पिघली हुई लोहे की बूंदों से बने घने बादलों की परत है।
इस अध्ययन के आधार पर वैज्ञानिकों को ये जानने में मदद मिलेगी कि दूरस्थ ग्रहों पर जीवन के योग्य परिस्थितियां मौजूद हैं या नहीं। पीएसओ जे 318.5-22 नाम की इस ग्रह जैसी संरचना का अध्ययन चिली में एक टेलिस्कोप के जरिये किया गया है। इसकी अनुमानित उम्र दो करोड़ साल है।
वैज्ञानिक डॉ. बेथ बिलर के मुताबिक इस खोज से पता चलता है कि ग्रहों और ग्रह जैसी संरचनाओं पर कितनी तरह के बादल हैं। हम नए तारों के नजदीक स्थित बड़े ग्रहों के अध्ययन में इस तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक इन पर धरती जैसे मौसम की तलाश में हैं, जहां जीवन संभव हो।