बेमेतरा/नांदघाट. नांदघाट से चार किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत तरपोगी में ग्रामीण डायरिया की चपेट में हैं। स्वास्थ्य विभाग आंगनबाड़ी केंद्र में अस्थाई शिविर लगाकर लोगों का इलाज कर रहा है। वहीं गंभीर रूप से प्रभावितों को उपचार के लिए भाटापारा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है।
लगना पड़ा कैम्प
गांव में डायरिया फैलने की सूचना नांदघाट सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष अरुण साहू ने स्वास्थ्य विभाग को दी, जिस पर नांदघाट स्वास्थ्य अमला ने डायरिया प्रभवितों की जांच कर दवाई का वितरण किया। लेकिन शाम तक प्रभावितों की स्थिति को देखते हुए बेमेतरा मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सूचना दी गई, तत्पश्चात सीएचएमओ डॉ शर्मा नवागढ़ एसडीएम आरपी आंचला, नवागढ़ बीएमओ टीएन महिलेंगेश्वर, नायब तहसीलदार ज्योति मसियारे के साथ पहुंचकर गांव में कैम्प लगाया।
भाटापारा स्वास्थ्य केंद्र में इलाज
गांव के बलदाऊ निषाद (55 साल), गोकुल निषाद (25), रूबी निषाद (64), दीपक निषाद(17) किरण ध्रुव (16), रामेश्वर निषाद (18), सुनीता (17), महेंद्र निषाद (34), श्रीदेव (12), लकी (5), रामखेलावन (50), रंबुदास रामानंद (53), मतवार (40), अहिमन (5) का इलाज जारी है। इसके पूर्व बुधवार शाम को संजीवनी 108 माध्यम से डायरिया प्रभावित शिवबति, मनोज कुमार मांझी, धुरसिंघ, बल्लू निषाद, सोना बाई, ज्योति साहू को भाटापारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज किया जा रहा है।
डायरिया से हुई एक मौत
तरपोंगी के ग्रामीणों के अनुसार, गांव में डायरिया से 72 वर्षीय शांतिबाई गोंड़ की मौत हुई है, जबकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि महिला की मौत हार्ट अटैक से हुई है। गांववालों के अनुसार, जिस पंप का पानी पीते हैं, उसमें दूषित पानी आने की वजह से लोग बीमार पड़े हैं।
नलकूप को किया सील
बीएमओ टीएन महिलेंगेश्वर के अनुसार, गांव में डायरिया की स्थिति नियंत्रण में है। ग्रामीणों को पानी उबालकर पीने के लिए कहा गया है। वहीं जिस प्रदूषित नलकूप से डायरिया फैलने का अंदेशा है, उसे सील कर दिया गया है, अन्य नलकूपों में दवाई डाली गई है। सीएचएमओ डॉ सतीश शर्मा ने कहा कि तरपोंगी में स्थिति बेहतर है। शांतिबाई की मौत हार्टअटैक से होने की आशंका है। गांव में मैं स्वयं जाकर मरीजों से मिला हूं। तीन दिनों के लिए गांव में शिविर लगाया गया है।