आदेश की परवाह, न कानून का डर
भरतपुरPublished: Apr 27, 2015 05:55:00 am
पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव
को देखते हुए पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध होने के बाद भी शहर में
भरतपुर।पर्यावरण पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव को देखते हुए पॉलीथिन के उपयोग पर प्रतिबंध होने के बाद भी शहर में प्रतिबंधित पॉलिथीन का प्रयोग जारी है।
जिला प्रशासन एवं नगर निगम की ओर से कई बार कार्रवाई करने के बावजूद इनकी बिक्री एवं उपयोग बंद नहीं हो पाया है।नगर निगम ने गत वर्ष दिसम्बर माह में 330 किग्रा व इस वर्ष मार्च में 340 किग्रा पॉलीथिन थोक व्यापारी के यहां से जब्त की। लेकिन, इस वर्ष अप्रेल माह में कोई कार्रवाई ही नहीं की। इससे लगता है कि पॉलीथिन अभियान के नाम पर खानापूर्ति है।
पॉलीथिन कैरीबैग थोक में होने की सूचना पर कार्रवाई करते हैं। अभियान के तहत गत वर्ष दिसम्बर माह में 330 किलोग्राम पॉलीथिन जब्त की और इस वर्ष मार्च में 340 किग्रा जब्त की। इस वर्ष अप्रेल माह में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अभियान को लगातार चलाएंगे और पॉलीथिन में सामान देने व थोक में पॉलीथिन रखने वालों पर कार्रवाई करेंगे। अगर शहर में पॉलीथिन बनाने की फैक्ट्री होती तो कार्रवाई करते।तेजराम मीणा, राजस्व अधिकारी नगर निगम भरतपुर
पॉलीथिन पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए जागरूक होने की आवश्यकता है। इसके अलावा सरकार को उत्पादन ही बंद करवा देना चाहिए, जब उत्पादन नहीं होगा तो अंकुश स्वत: लग ही जाएगा। एसबी सक्सैना
सरकार ने पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन प्रशासन द्वारा नियमित रूप से सख्त कार्रवाई नहीं की जाती। कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति है इसलिए लोगों में भय नहीं रहा है। अशोक कुमार
प्रशासन द्वारा अभियान को प्रभावी रूप से नहीं किया जा रहा है। सरकार अगर पॉलीथिन फैक्ट्रियों को बंद करवा दे तो इन पर अंकुश लग सकता है। फैक्ट्री बंद नहीं होने के कारण यह आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। नरेन्द्र मीणा