शिक्षकों को करेंगे व्याख्याता प्रशिक्षित
भिंडPublished: Jul 11, 2017 11:58:00 pm
फिर
से शुरू होंगी ज्ञान पुंज
योजना
भिण्ड.. मध्यप्रदेश
के हाईस्कूलों व उच्चतर माध्यमिक
शालाओं में शिक्षा की गुणवत्ता
को सुनिश्चित करने व उनकी
नियमित मॉनीटरिंग के लिए दो
वर्ष पहले बंद की जा चुकी, ज्ञानपुंज
योजना को स्कूल शिक्षा विभाग
इस वर्ष से पुन: शुरू
कर रहा है। लोक शिक्षण संचालनालय
ने योजना की विस्तृत कार्य
योजना भेजते हुए उसे इसी शिक्षण
सत्र से क्रियान्वित करने के
जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश
दिए हैं।
योजना
के तहत शासकीय हाईस्कूल व
हायरसेकंडरी स्कूलों में
कार्यरत शिक्षकों को अध्यापन
में आ रही दिक्कतों को विषय
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय
स्तर पर कार्यरत विशेष में
पारंगत शिक्षकों के संसाधन
समूह (रिसोर्स
ग्रुप) द्वारा
अध्यापन स्थल पर ही प्रशिक्षण
व डिमांस्ट्रेशन के माध्यम
से हल किया जाएगा। रिसोर्स
ग्रुप इसके अलावा आवश्यकतानुसार
शिक्षक विहीन उच्चतर माध्यमिक
विद्यालयों में मोबाइल टीचर
(चलित
शिक्षक) के
रूप में भी अध्यापन करेंगे।
प्रत्येक
जिले में अंग्रेजी के दो, गणित, भौतिकी, रसायन, जीवविज्ञान, हिन्दी, सामाजिक विज्ञान
एवं संस्कृत विषयों में एक–एक
इस तरह कुल 9 व्याख्याताओं
का चयन किया जाएगा। इसके लिए
आवेदन करने वाले व्याख्याता
के स्कूल की कक्षा10/12वीं
का विगत तीन वर्ष का परीक्षा
परिणाम उस विषय में ६० प्रतिशत
या इससे अधिक होने की शर्त रखी
गई है।
15 दिन
में करने होंगे आवेदन
ज्ञानपुंज
टीम के सदस्यों का चयन जिला
शिक्षा अधिकारी द्वारा किया
जाएगा तथा इसके लिए आवेदन
बुलाए जाएंगे। आवेदकों को 15
दिन की समयसीमा आवेदन करने
के लिए दी जाएगी। चयन साक्षात्कार
के माध्यम से होगा व उसी दिन
परिणाम की घोषणा की जाएगी।
चयनित व्याख्याता को डीईओ
कार्यालय में अंतरित किया
जाएगा तथा उसके स्थान पर
युक्तियुक्तिकरण के तहत अन्य
शिक्षक की पदस्थापना की जाएगी।
ज्ञानपुंज टीम माह में १५ दिन
जिले के स्कूलों का भ्रमण कर
शिक्षकों को ऑन द स्पाट प्रशिक्षण, टीचिंग व
डिमान्स्ट्रेशन देगी। यह
समूह कार्य के प्रत्येक दिन
दो विद्यालयों का भ्रमण आवश्यक
रूप से करेगा। प्रत्येक माह
के चौथे शनिवार को अलग–अलग
विकासखण्डों के उत्कृष्ट
विद्यालयों में शैक्षिक
संगोष्ठियों का आयोजन होगा
जिनमें विषयवार शिक्षण के
हार्डस्पॉट्स के अध्यापन के
लिए टिप्स दिए जाएंगे। यहां
बतादें कि ज्ञानपुंज योजना
को 30 दिसंबर 2015 को
बंद कर दिया गया था, लेकिन
लोक शिक्षण संचालनालय ने इस
वर्ष इसे प्रदेश के सभी 51
जिलों में फिर से शुरू करने
के निर्देश दिए हैं।