scriptवाईफाई युक्त होगा सीबीएलयू कैम्पस, भारत सरकार से मिली मजूंरी | Chaudhary bansi lal University Campus will be wifi | Patrika News

वाईफाई युक्त होगा सीबीएलयू कैम्पस, भारत सरकार से मिली मजूंरी

locationभिवानीPublished: Jan 23, 2016 12:02:00 pm

दाखिले के साथ ही विद्यार्थियों को मिलेंगे डिजीटल लॉकर, तीन करोड़ रूपये की लागत से होगा हाइटेक, जीबीपीएस की डेडीकेटिड लीज लाईन भी मिलेगी

Chaudhary Bansi Lal University

Chaudhary Bansi Lal University

भिवानी। महज एक साल पहले अस्तित्व में आई चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी हाईटैक होने जा रही है। दाखिले के साथ ही जहां विद्यार्थियों को डिजीटल लॉकर की सुविधा मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर वाईफाई युक्त कैम्पस भी विधार्थियों को मिलेगा।

डिजिटल इंडिया की तर्ज पर भिवानी की चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी जल्द ही हाईटैक होने जा रही है। यूनिवर्सिटी को जहां डैडीकेटिड लीज लाइन मिलने जा रही है तो दाखिले के साथ ही विद्यार्थियों को डिजीटल लॉकर की सुविधा भी मिलेगी। दरअसल यूनिवर्सिटी को जल्द ही एक जीबीपीएस की डेडीकेटिड लीज लाइन मिलेगी जो कि वाईफाई की स्पीड से युक्त होगी। इसके लिए सरकार से तीन करोड़ रूपए की मंजूरी मिल चुकी है। डिजीटलाइजेशन के बाद विद्यार्थियों को जुलाई में दाखिले के साथ ही डिजीटल लॉकर दिया जाएगा जिसका पासवर्ड क्रिएट होगा व विद्यार्थी से संबंधित तमाम सूचनाएं व जानकारियां उस पर अपलोड कर दी जाएंगी। वहीं विद्यार्थी अपने हर सेमेस्टर के पाठ्यक्रम से भी वाकिफ हो सकेंगे व उन्हें अच्छा लाभ मिलेगा।

यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ.भगवान सिंह ने इस संबंंध में जानकारी देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय की तरफ से भारत सरकार को एक पत्र लिखा गया था कि नेशनल नॉलेज स्कीम के तहत चौ. बंसीलाल विश्वविद्यालय को इसमें शामिल किया जाए,भारत सरकार के एमएचआरडी विभाग से उन्हें अनुमति पत्र मिल चुका है कि उनके विश्वविद्यालय को स्कीम में शामिल कर लिया गया है। स्कीम के तहत प्रत्येक छात्र को जो लैपटॉप, टैब या मोबाइल प्रयोग करता है तो उसे एक जीबीपीएस की स्पीड के साथ यह सुविधा जुलाई -अगस्त से उपलब्ध करवा दी जाएगी। उन्होनें बताया कि बीएसएनएल की लीज लाइन से चौ.विश्वविद्यालय को जोड़ा जाएगा।

यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने भी इस पहल को सराहा है उनका कहना है कि आज का युग नई तकनीकि युग है जिसमें अधिकतर कार्य लैपटाप व टैब व मोबाइल के जरिए की जा रहे है उन्हें स्टडी करने में दिक्कत नहीं होगी। विश्वविद्यालय की इस पहल का स्वागत करते है।

बहरहाल विश्वविद्यालय की इस पहल को काबिले तारीफ ही कहा जा रहा है कि क्योंकि आज हर कोई नई तकनीकों से जुड़ा है तथा हाईटैक रहना चाहता है। ऐसे में अगर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी हाईटैक होंगे तो उनमें वैज्ञानिक सोच भी विकसित होगी व ओपन पाठ्यक्रम के साथ साथ प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी उन्हें मिल सकेगी। यूं भी एंड्रायड मोबाइल का प्रयोग आम हो गया है तथा विश्वविद्यालय ऐसा एप विकसित करने जा रहा है जो कि उनके लिए कारगर रहेगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो