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जयपुर

बोले देवनानी..रीट में नहीं आरटेट के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता

शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने किया साफ। आरटेट के अभ्यर्थियों को नहीं मिलेगी प्राथकिमता।

जयपुरNov 20, 2015 / 09:08 am

raktim tiwari

राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) के तहत 15 हजार अध्यापकों की भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान की ओर से आगामी 7 फरवरी को लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी। ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 16 दिसम्बर तय की गई है।

उसके बाद जिलावार पदों के हिसाब से सीधी नियुक्तियां मिलेंगी। रीट के मामले में प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों में असमंजस को लेकर राजस्थान पत्रिका ने शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी से बातचीत की। उनसे बातचीत के प्रमुख अंश-

पत्रिका- अध्यापक भर्ती के लिए आरटेट दे चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने की चर्चाएं चल रही है। इसमें कितनी सच्चाई है?
देवनानी- आरटेट 2011 व 2012 दे चुके अभ्यर्थियों को अगर श्रेणी सुधार करना है तो वे रीट में शामिल हो सकते हैं। रीट के प्राप्तांक और आरटेट में पहले मिल चुके प्राप्तांक में से जो ज्यादा होंगे उन्हें ही अघ्यापक भर्ती के लिए वरीयता सूची में शामिल किया जाएगा। अलबत्ता आरटेट अभ्यर्थियों को रीट अभ्यर्थियों पर वरीयता देने का कोई प्रावधान नहीं है। मेरिट लिस्ट विशुद्ध रूप से कट ऑफ माक्र्स के आधार पर जारी होगी।

पत्रिका- अध्यापक नियुक्ति की प्रक्रिया क्या रहेगी?

देवनानी- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रीट का परिणाम जारी करेगा। न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों की सूची प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपी जाएगी। रीट के बाद उत्तीर्ण अभ्यर्थियों से उनके जिले का विकल्प मांगा जाएगा। उसके आधार पर जिलावार वरीयता सूची बनाई जाएगी। इसके बाद संबंधित जिला परिषदों के माध्यम से नियुक्तियां दी जाएंगी।
पत्रिका- पूर्व में आरटेट दे चुके जो अभ्यर्थी रीट में नहीं बैठेंगे, लेकिन उनके आरटेट के प्राप्तांक अगर रीट की कट ऑफ माक्र्स के समान अथवा ज्यादा है तो उन्हें नियुक्ति कैसे मिलेगी ?
देवनानी- पंचायती राज विभाग की ओर से जिलावार कट ऑफ माक्र्स की घोषणा होगी। आरटेट दे चुके एेसे अभ्यर्थियों के प्राप्तांक अगर नए कट ऑफ माक्र्स के समान या अधिक हैं तो वे इसके लिए शिक्षा निदेशालय में अपने प्रमाण-पत्र सहित नियुक्ति के लिए दावा कर सकते हैं।

पत्रिका- रीट के लिए राजस्थान से जुड़े पाठ्यक्रम की मांग उठ रही है, इसके बारे में क्या कहना चाहेंगे?

देवनानी- इस बारे में ज्यादा बात नहीं कर सकते। लेकिन इतना तय है कि राजस्थान के अभ्यर्थियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
पत्रिका- आरटेट के समय कट ऑफ माक्र्स पर विवाद खड़ा हो गया था। मामला अदालत तक पहुंचा। क्या रीट में आरक्षित वर्ग के लिए कट ऑफ माक्र्स में कोई छूट मिलेगी?
देवानानी- नए प्रावधान के तहत रीट में सभी वर्ग के अभ्यर्थियों को न्यूनतम 60 प्रतिशत अंक हासिल करना आवश्यक होगा। हालांकि अनुसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण प्राप्तांक 36 प्रतिशत रखे गए हैं।

पत्रिका- माशिबो ने 2013 में आरटेट के लिए आवेदन मांगे थे। राज्य के 5 लाख से अधिक लोगों ने आवेदन भरकर शुल्क भी जमा कराया था लेकिन परीक्षा नहीं हुई। रीट के लिए क्या उन्हें दुबारा आवेदन करना होगा?

देवनानी- वर्ष-2013 में आवेदन कर चुके अभ्यर्थी अगर रीट देना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए दुबारा ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह इसलिए जरूरी है क्योंकि हो सकता है इनमें से कई आवेदक रीट में शामिल होने में रुचि नहीं रखते हों। दुबारा आवेदन करने वालों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। उसे 2013 में जमा कराए शुल्क में समायोजित कर लिया जाएगा।

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