scriptइन बदलावों के साथ सुधरेगा शिक्षा का स्तर, हर स्टूडेंट बनेगा होनहार | Board of Secondary Education try to improve education | Patrika News

इन बदलावों के साथ सुधरेगा शिक्षा का स्तर, हर स्टूडेंट बनेगा होनहार

locationभोपालPublished: Sep 13, 2016 10:48:00 am

Submitted by:

sanjana kumar

बनना है गणितज्ञ या वैज्ञानिक तो 9वीं से ही चुनना होंगे सब्जेक्ट। माध्यमिक शिक्षा मंडल और लोक शिक्षण संचालनालय ने लिया बच्चों के सुनहरे भविष्य और प्रतिभावान बनाने का निर्णय…

tribal education,gurukul for tribal students in mp

tribal education,gurukul for tribal students in mp

भोपाल। जो छात्र गणित या जीव विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो अब उन्हें 9वीं 10वीं क्लास से ही अपनी पसंद के सब्जेक्ट चुनना होगा। दरअसल माध्यमिक शिक्षा मंडल और लोक शिक्षण संचालनालय के तहत आने वाले स्कूलों में कक्षा 9वीं व 10वीं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स अब उच्च गणित व सामान्य गणित का विकल्प चुन सकेंगे। 

विज्ञान के लिए उच्च गणित

जो छात्र गणित या जीव विज्ञान के क्षेत्र में आगे जाना चाहते हैं, वे उच्च गणित लेंगे और बाकी के संकाय के छात्र सामान्य गणित विषय का अध्ययन करेंगे। 

शैक्षणिक सत्र 2017-18 से 9वीं में लागू

यह व्यवस्था कक्षा 9वीं में शैक्षणिक सत्र 2017-18 से और कक्षा 10वीं में 2018-19 के शैक्षणिक सत्र से लागू कर दी जाएगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह निर्णय गणित को लेकर स्टूडेंट्स के मन में बैठे डर और बिगड़ते रिजल्ट को देखते हुए लिया है। 

बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति पर आधारित होगी पढ़ाई

कक्षा 9वीं व 10वीं की परीक्षाओं में बोर्ड अब बेस्ट ऑफ फाइव पद्धति अपनाने की तैयारी कर रहा है। इसके तहत 9वीं और 10वीं में जिन पांच विषयों में स्टूडेंट्स अधिकतम अंक प्राप्त करेंगे। उन्हीं विषयों के अंकों को रिजल्ट की गणना के लिए लिया जाएगा। यह व्यवस्था इसी सत्र से लागू की जा रही है।

फाइनल रिजल्ट में जुड़ेंगे सीसीए के अंक

एक अन्य बदलाव के तहत सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में कक्षा 9वीं व 10वीं में निरंतर एवं व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की प्रक्रिया लागू की जा रही है। छात्रों को सीसीई के अंतर्गत 20 प्रतिशत अंक दिए जाएंगे। स्कूल शिक्षा विभाग सत्र 2016-17 से ही यह नई व्यवस्थाएं लागू करने जा रहा है। 

जीवनोपयोगी योग्याताओं में होंगे पारंगत 

बोर्ड ने निर्णय लिया है कि स्टूडेंट्स को उनके जीवनोपयोगी योग्यताओं में भी पारंगत किया जाएगा। इसके तहत छात्र अन्य गतिविधियों में भी भाग लेंगे। इसके लिए छात्रों को बाकायदा अंक मिलेंगे, जो मुख्य परीक्षा परिणाम में जोड़े जाएंगे। सीसीई का आकलन तीन क्षेत्रों शैक्षिक, सह शैक्षिक और सह पाठ्यक्रम कार्यकलाप के तहत किया जाएगा। तीनों के ही अंकों के आधार पर वार्षिक परीक्षा फल प्रदान किया जाएगा। शैक्षिक क्षेत्र के 80 अंक और सह शैक्षिक व सह पाठ्यक्रम कार्यकलाप के 20 अंक निर्धारित किए गए हैं।

ऐसे होगा अंकों का विभाजन

* सह शैक्षिक क्षेत्र के अंतर्गत स्कूलों में जुलाई से लेकर जनवरी तक हर शनिवार को गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। 

* सबल भारत, गौरवमयी भारत, प्रखर भारत, प्रतिभाशाली भारत, समर्थ भारत, संकल्पित भारत व संस्कारित भारत शीर्षक के तहत निबंध, आशुभाषा व प्रश्नोत्तरी सहित अन्य गतिविधियां इस आयोजन में शामिल होंगी।

* हर प्रतियोगिता में स्टूडेंट्स को 30-30 अंक दिए जाएंगे। 

* सह पाठ्यक्रम कार्यकलाप के तहत एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, खेल, बालरंग, कालिदास समारोह, मोगली उत्सव, सूर्य नमस्कार, बाल संसद आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी।
* इन प्रतियोगिताओं के लिए भी स्टूडेंट्स को 10-10 अंक दिए जाएंगे।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो