भोपाल। कोई नेता भ्रष्ट्राचार करे तो चर्चा होकर खत्म हो जाती है। कोई अफसर गलत काम करे तो जांच रिपोर्ट विभागों के चक् कर काटते-काटते थक जाती है लेकिन यदि इनमें से कोई अच्छा काम करे या कुछ हटकर करने की कोशिश करे तो कानाफूसी शुरू हो जाती है। दरअसल यही वजह है कि लंबे समय बाद एक बार फिर मप्र के एक सरकारी अधिकारी चर्चा में आ गए हैं। यह अधिकारी सीएम के तो खास हैं साथ ही दिग्गज कलाकारों के साथ भी अच्छा कनेक्शन रखते हैं। हम बात कर रहे हैं सीएम के ओएसडी राजेंन्द्र कानूनगो की। पढ़ें ऐसा क्या हुआ है जो चर्चा में आ गए हैं कानूनगो…
फिल्म के कारण बढ़ा विवाद
हाल ही में महिलाओं पर केन्द्रित फिल्म लिपिस्टक अंडर माय बुर्का रिलीज हुई है। यह फिल्म अपनी रिलीज से पहले ही विवादों में आ गई थी। बुर्का का जिक्र होने के कारण मुस्लिम समुदाय खासा नाराज था। हालांकि सेंसर ने इस पर कोई कैंची नहीं चलायी और फिल्म रिलीज हो गई। रिलीज से पहले ही फिल्म ने कई बड़े पुरस्कार अपने नाम कर लिए हैं। इसी फिल्म में एक छोटा सा रोल निभाने का मौका मिला एमपी के सरकारी अफसर और सीएम के खास राजेन्द्र कानूनगो को। हालांकि वे कुछ सेकेण्ड के लिए ही फिल्म में दिखायी दिए हैं लेकिन विपक्ष इस पर भी हल्ला मचा रहा है।
सीन पर चल रही बात
विपक्ष का कहना है कि सरकारी अधिकारी होते हुए कानूनगो एक विवादित फिल्म का हिस्सा बने है। यह प्रदेश में अफसरों की छवि खराब करता है। फिल्म देखे बिना ही कई अफसर नेता यह चर्चा करते नजर आ रहे हैं कि कानूनगो ने फिल्म में आपत्तिजनक सीन किए हैं। जबकि इस मामले में राजेन्द्र कानूनगो पहले ही साफ कर चुके हैं कि फिल्म में कुछ सेकेंण्ड का रोल है, जिसमें कोई आपत्तिजनक सीन या डॉयलॉग नहीं है। उनका कहना है कि फिल्म के बोल्ड सब्जेक्ट को लेकर टीका टिप्पणियों का सामना करना पड़ रह है।
सितारों से है कनेक्शन
आपको बता दें कि कानूनगो सरकारी अफसर होने के साथ ही रंगमंच से भी जुड़े हुए हैं। उन्होंने अब तक कई नाटकों में मुख्यकलाकार की भूमिका अदा की है। इसके अलावा भोपाल में होने वाली हर फिल्म के सेट पर एक्टर्स-डॉयरेक्टर्स के आसपास उन्हें देखा गया है। इसके साथ ही वे फिल्म सिंह ऑफ सरदार में सनी देओल के साथ कुछ सेकेंण्ड के लिए ही नजर आए थे।
भोपाल की है कहानी
यह कहानी भोपाल में एक ही मोहल्ले में रहने वाली चार महिलाओं ऊषा (रत्ना पाठक शाह), शिरीन (कोंकणा सेन), लीला (अहाना कुमरा) और रिहाना (प्लाबिता बोरठाकुर) की है, जो अलग-अलग तरह से अपनी जिंदगी गुजर बसर करती हैं। ऊषा को लोग बुआ जी के नाम से बुलाते हैं जिनका रुझान रोमांटिक उपन्यासों की तरफ ज्यादा है, वहीं शिरीन एक डोर टू डोर सेल्स वुमन का काम करती है लेकिन अपने पति (सुशांत सिंह) को नहीं बताती है, क्योंकि उसे डर है कि कहीं वो ये जानकार नाराज ना हो जाए, लीला को फोटोग्राफर अरशद (विक्रांत मास्सी) से प्रेम है लेकिन अरशद उसको कम भाव देता है साथ ही लीला की शादी किसी और के साथ फिक्स हो जाती है। रिहाना एक कॉलेज में पढऩे वाली लड़की है। घर में बंदिशों के चलते वो पिता के साथ सिलाई में हाथ बंटाती है लेकिन जब भी वह घर से बाहर जाती है तो अपनी ही धुन में वेस्टर्न स्टाइल में जीने की कोशिश करती है। कहानी का सार ये है कि? ये चारो महिलाएं जो असल जिंदगी में करना चाहती हैं, वो उन्हें चोरी छिपे करना पड़ता है और कहानी का अंत ऐसे मकाम पर होता है जो आपको सोचने पर विवश कर देता है।