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 सर्विस चार्ज: करोड़ों का हेरफेर, हिसाब-किताब किसी के पास नहीं

locationभोपालPublished: Jan 05, 2017 11:13:00 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

शहर में करीब साढ़े 550 एेसी होटल्स हैं, जहां रूम सर्विस और खानपान दोनों पर अलग चार्ज लिया जाता है। हैरत की बात यह है कि फूड एंड ड्रग और फूड एंड कंट्रोल के अफसरों ने एक बार भी न जांच की, न कार्रवाई। 

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भोपाल. होटलों में खानपान के साथ ही रूम सर्विस भी चार्ज के दायरे में है। एक पड़ताल में सामने आया है कि भोपाल में करीब साढ़े बारह सौ होटल-रेस्तरां में करीब सवा करोड़ रुपए रोजाना सर्विस चार्ज लिया जा रहा है। यानी प्रति होटल-रेस्तरां करीब 10 हजार रुपए, जो इनकी एक दिन की औसत कमाई का 15 फीसदी तक है।

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शहर में करीब साढ़े 550 एेसी होटल्स हैं, जहां रूम सर्विस और खानपान दोनों पर अलग चार्ज लिया जाता है। हैरत की बात यह है कि फूड एंड ड्रग और फूड एंड कंट्रोल के अफसरों ने एक बार भी न जांच की, न कार्रवाई। केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले के मंत्रालय ने इस संबंध में स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन मप्र में इसपर कोई सलाह या कार्रवाई के निर्देश संबंधी पत्र जारी नहीं किया गया। हमेशा की तरह अधिकारी मामले को दिखवाने की बात कह कर पल्ला झाड़ रहे हैं।

उपभोक्ता फोरम में केस
उपभोक्ता मामलों के वकील पराग काले के अनुसार डेढ़ साल पहले जहांगीराबाद निवासी असलम खान ने श्यामला हिल्स स्थित एक बड़ी होटल में सर्विस चार्ज लिए जाने का मामला उपभोक्ता फोरम में दायर कराया था। यहां से उपभोक्ता के पक्ष में निर्णय आया। होटल को 5000 रुपए की क्षतिपूर्ति देना पड़ी।

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सवाल- होटल-रेस्तरां में सर्विस चार्ज को लेकर केंद्र स्तर पर स्थिति स्पष्ट की गई, प्रदेश में इसे लेकर कोई कार्रवाई शुरू करेंगे?
जवाब- उपभोक्ता संरक्षण का मामला तो है, लेकिन हम इनफोर्समेंट नहीं कर सकते। उपभोक्ता को खुद ही आगे आना होगा।
सवाल- इस मामले में आपके विभाग की कोई जवाबदारी नहीं, यह उपभोक्ता से जुड़ा मसला है।
जवाब- जवाबदारी है। विभाग के अफसरों से मामले में चर्चा कर इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम कर सकते हैं।
सवाल- विभाग कोई कार्रवाई नहीं करेगा तो उपभोक्ता कहां जाए?
जवाब- उपभोक्ता शिकायत कर सकता है। हमें भी लिखित में दें और सबसे बेहतर तो उपभोक्ता फोरम है।

भोपाल में सभी बड़ी होटल्स सर्विस चार्ज लेती हैं। यह 10 से 15 फीसदी तक हो सकता है। यह टिप की तरह है और इसका बंटवारा वेटर्स के बीच होता है। सर्विस चार्ज खानपान के लिए और रूम सर्विस के लिए भी लिया जाता है।
मनोज जैन, होटल राजहंस

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हम सर्विस चार्ज लेते हैं। यह सेवा के लिए लिया जाता है और बकायदा बिल में इसे मेंशन करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा सुनिश्चित होती है, वेटर्स का उत्साह बना रहता है। अब यह जरूरी है या नहीं, इस मामले में फिलहाल मैं कुछ नहीं कह पाऊंगा।
भरत कुमार, होटल सुरेंद्र विलास

सर्विस चार्ज टिप के तौर पर लिया जाता है। इसे बिल में लगाकर आप उपभोक्ता को बाध्य नहीं कर सकते। इसे लेकर प्रशासन को कार्रवाई करना होगी। उपभोक्ता को शिकायत का अधिकार देना होगा। सिर्फ उपभोक्ता फोरम के हवाले नहीं छोड़ा जा सकता।
पंकज चतुर्वेदी, लेखक- सामाजिक कार्यकर्ता

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