भोपाल। चिकित्सा शिक्षा विभाग और एपीडीएमसी की लड़ाई के चलते निजी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्र अब दूसरे राज्यों की तरफ रुख कर रहे हैं। दरअसल निजी कॉलेज स्टेट काउंसलिंग से आए छात्रों को प्रवेश देने में आनाकानी कर रहे हैं।
प्रवेश लेने गए कई छात्रों को निजी मेडिकल कॉलेजों से वापस लौटा दिया गया। मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रही है। एेसे में जो छात्र प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजो में दाखिला लेना चाहते थे वो अब कर्नाटक, महाराष्ट्र सकति अन्य राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला लेने जा रहे हैं। मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग के संचालक डॉ.़ जीएस पटेल के मुताबिक कोई मेडिकल कॉलेज दाखिले के लिए मना नहीं कर सकता। हालांकि हमारे पास किसी ब”ो ने शिकायत नहीं की। हम छात्रों को दाखिला जरूर कराएंगे।
निजी मेडिकल कॉलेजों की सीटें खाली
पहले चरण की काउंसलिंग खत्म हो चुकी है लेकिन निजी मेडिकल कॉलेज की 90 फीसदी सीटें अब भी खाली हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सरकारी कॉलेजों में महज 89 सीटें ही बची हैं वहीं निजी मेडिकल कॉलेजों की 1680 सीटें अब भी छात्रों के इंतजार में हैं।
हमारी वेबसाइट से करो रजिस्ट्रेशन
एक अभ्यर्थी ने बताया कि उसे निजी मेडिकल कॉलेज मिला था। जब एडमिशन लेने पहुंचा तो वहां कहा गया कि उनकी काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन कराना पड़ेगा। पिता एस नायर ने बताया कि ऐसे में नुकसान होता इसलिए कर्नाटक मेडिकल कॉलेज में एप्लाई किया है।
इसी तरह सौरभ गुप्ता को इंदौर का एक निजी मेडिकल कॉलेज में भी जब उनकी काउंसलिंग में रजिस्ट्रेशन कराने का उन्होंने महाराष्ट्र के एक मेडिकल कॉलेज के लिए अप्लाई कर दिया।
कुल सीटें 2948
अलॉट हुई 2714
एडमिशन 1179
खाली 1769