पौराणिक कथाओं के अनुसार, कछुआ भगवान विष्णु का एक अवतार रहा है। कछुआ धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है।
भोपाल। आजकल कछुए की अंगूठी आमतौर पर बहुत लोगों के हाथों में दिख जाती है। कुछ लोग इसे सिर्फ फैशन के लिए पहनते हैं लेकिन कुछ लोग इसे वास्तु से जोड़कर पहनते हैं। वास्तुशास्त्री रुद्रशास्त्री के अनुसार इसे पहनने से व्यापार, आत्मविश्वास और सेहत दुरुस्त रहती है। लक्ष्मी जी का घर में विराजमान रहता है। लेकिन कछुए की अंगूठी पहनते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। वरना इसके लाभ नहीं होते।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, कछुआ भगवान विष्णु का एक अवतार रहा है। कछुआ धैर्य, शांति, निरंतरता और समृद्धि का प्रतीक है।
यह अंगूठी पहनते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि कछुए के सिर वाला हिस्सा पहनने वाले की तरफ होना चाहिए। इससे घर में धन आने की संभावना बढ़ जाती है। यह बाहर का पैसा आपकी ओर आकर्षित करता होगा।
लक्ष्मी जी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं, इसलिए कछुआ लक्ष्मी जी का भी प्रिय माना जाता है। ऐसे में लोगों को ऊर्जा व आत्मविश्वास के लिए ऐसी अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है। कछुए के शेप की अंगूठी को सीधे हाथ की मध्यमा या तर्जनी उंगली में पहनें।
इस दिन खरीदेंगे कछुआ रिंग, तभी होगा फायदा
कछुए की अंगूठी शुक्रवार को खरीदें। लक्ष्मी जी के सामने दूधिया पानी से धोकर अगरबत्ती कर पहनें। ऐसा नहीं है कि अंगूठी पहनने से धन की बरसात होगी। जो आपके भाग्य का धन है, उसकी रुकावटें दूर हो जाएंगी।
कछुआ संपन्नता और स्थिरता का प्रतीक माना जाता है। लेकिन फैशन में भी कछुएं वाली अंगूठी ने खास जगह बनाई है। आजकल लडकियां में कछुआ रिंग बहुत ही लोकप्रिय हो रही है। घर में बरकत बनी रहे इसलिए कछुआ पालते हैं, लेकिन अब वहीं कछुआ रिंग फैशन वल्र्ड में अपनी स्पेशल पहचान बना रहा है। इस कछुएं वाली अंगूठी को आप अपने बजट के मुताबिक बना सकते हैं। चाहे तो चांदी, सोने में जडे नग द्वारा बनवा सकते हैं।