भोपाल।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हरदा जिले में मंगलवार रात हुई
रेल दुर्घटना के प्रभावितों के लिए बचाव और राहत व्यवस्थाओं की आज यहां उच्च स्तरीय आपात बैठक में समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिये कि राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जाए। घायलों के उपचार की सुनिश्चित व्यवस्था की जाए। बैठक में निर्णय लिया गया कि रेल दुर्घटना में मृतकों के परिजनों को राज्य सरकार रेल्वे की सहायता के अलावा दो-दो लाख रूपए की सहायता देगा। साथ ही दुर्घटना में गंभीर घायलों को 50 हजार रूपए और अन्य घायलों को 10 हजार रूपए की मदद की जाएगी। बैठक में गृह मंत्री बाबूलाल गौर, वन मंत्री डॉ.गौरीशंकर शैजवार, स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा, राजस्व मंत्री रामपाल सिंह भी उपस्थित थे।
बैठक के तुरन्त बाद मुख्यमंत्री चौहान घटना स्थल के लिए रवाना हुए। बैठक में तय किया गया कि राहत और बचाव कार्यो की देखरेख भोपाल से गृह मंत्री गौर तथा राजस्व मंत्री रामपाल सिंह करेंगे। इसी तरह हरदा में वन मंत्री डॉ. शेजवार राहत और बचाव कार्यों की देखरेख करेंगे। बैठक के दौरान चौहान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से फोन पर बात की। राज्य शासन रेल्वे प्रशासन से लगातार संपर्क में है। बैठक में बताया गया कि कल रात करीब 11.30 बजे अति वृष्टि के कारण हरदा से 25 किलो मीटर दूर माचक नदी में बाढ़ आयी और मिट्टी के कटाव के कारण रेल की पटरियों का सपोर्ट हट गया, जिससे कामायनी एक्सप्रेस और जनता एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए।
घटना की सूचना मिलते ही तत्काल हरदा जिला प्रशासन और खण्डवा जिला प्रशासन से बचाव दल भेजे गए। अति वर्षा के कारण सड़क संपर्क कटे होने से आस-पास के गांवों के सरपंचों और ग्रामीणों को भी घटना स्थल पहुंचए के लिए कहा गया। सेना से भोपाल और महू में संपर्क कर बचाव दल भेजने का आग्रह किया गया। हरदा से भी होम गार्ड का बचाव दल भेजा गया। बचाव दलों ने रात में ही पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया। बचाव और राहत कार्य जारी है। घायलों को आवश्यकतानुसार घटना स्थल पर ही प्राथमिक उपचार दिया गया और नजदीकी अस्पतालों में ले जाने की व्यवस्था की गयी।