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भोपाल

साल में 10 दिन के लिए खुलता है ‘नागलोक’, देश में सबसे कठिन है यहां की यात्रा

नागद्वारी यात्राः हर कोई नहीं जा पाता इन रास्तों पर, सालभर में दस दिन खुलता है यह रास्ता, कदम-कदम पर होता है मौत का खतरा, चारों तरफ घने जंगल और पहाड़ों के बीच है नागद्वारी…।

भोपालJul 29, 2017 / 05:17 pm

Manish Gite


संकेत श्रीवास्तव
भोपाल/पचमढ़ी। मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में शिव का ऐसा स्थान है, जो साल में सिर्फ 10 दिनों के लिए श्रावण माह में ही खोला जाता है। इन दस दिनों में करीब 10 लाख शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है। यह यात्रा इतनी दुर्गम है कि एक तरफ जिंदगी और एक तरफ मौत हमेशा साथ चलती रहती है। दस दिनों के बाद इस इलाके में खतरनाक जहरीले सांप और जंगली जानवर ही रहते हैं। यहां कोई इंसान जाने की हिम्मत नहीं कर पाता। यह स्थान भोपाल से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित है।


दुनियाभर में प्रसिद्ध पचमढ़ी में नागलोक श्रद्धा का अनूठा स्थल है। यह महाराष्ट्र से आने वाले कई लोगों के कुलदेव का स्थान है। पचमढ़ी के घने जंगल और दुर्गम पहाड़ों के बीच एक गुफा में है यह मंदिर। यह मंदिर 18 जुलाई से 28 जुलाई के बीच ही खुलता है।


कदम कदम पर जहरीले जीव
पूरे सालभर इस स्थान पर कोई इंसान नहीं आता। ऐसे में सांप-बिच्छू जैसे जहरीले जीव इस क्षेत्र में बहुतायात में रहते हैं। जब इस नागलोक के लिए यात्रा शुरू होती है तो कदम-कदम पर सांप-बिच्छुओं से सामना होता रहता है।


रोमांच से भरपूर होती है यह यात्रा
साल में एक बार होने वाली यह यात्रा इतनी रोमांचक होती है कि ट्रैकिंग के शौकीन व्यक्ति भी इस यात्रा को करने पहुंच जाते है। इस रास्ते में कई बड़े-बड़े प्राकृतिक झरने नजर आते हैं। वहीं कई जड़ीबूटियों के पेड़-पौधे भी जानकारों को आकर्षित करते हैं। यह रास्ते इतने दुर्गम है कि हर पल डर बना रहता है कि कभी कदम डगमगाए तो सीधे गहरी खाई में समा सकते हैं। गिरते पानी में फिसलन भरी ढलान में यह खतरा और बढ़ जाता है। कभी बड़ी-बड़ी चट्टानों से गुजरना होता है। कई बार तो बहते पानी को भी पार करना किसी रोमांच से कम नहीं होता है।


दस दिनों में पहुंच जाते हैं 10 लाख लोग
साल में मात्र दस दिन खुलने वाले नागलोक में करीब 10 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। करीब 12 किलोमीटर की यह यात्रा में बीस घंटे से अधिक का समय लगता है।


अमरनाथ यात्रा जैसा नजारा
नागद्वारी यात्रा के रास्तों पर अमरनाथ यात्रा का अहसास होता है। यहां के पहाड़ और गुफा का दृश्य देखकर ऐसा लगता है जैसे आप अमरनाथ यात्रा कर रहे हैं। यात्रा में कदम-कदम पर खतरा बना रहता है। लेकिन यह यात्रा कितने ही खतरों के बाद पूरी की जाती है। प्राकृतिक सौंदर्य यहां का अद्भुत है।
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