खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग में अधिकारी के छुट्टी पर होने से नहीं हो रहीं जांच, रिपोर्ट के पहले ही खप जाता है माल
भोपाल. बारिश के मौसम में अक्सर पकौड़े खाने का मन करता है। लेकिन हो सकता है इसको तैयार करने वाला बेसन या तेल अमानक हो। सिर्फ पकोड़े ही नहीं घर में मौजूद अन्य खाद्य पदार्थ भी अमानक हो सकते हैं, कारण खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की लापरवाही।
दरअसल विभाग में खाद्य नमूनों की जांच रिपोर्ट पर साइन करने का जिम्मा सीनियर लैब टैक्नीशियन के पास है। इनके साइन के बिना कोई भी जांच रिपोर्ट ओके नहीं मानी जाती। यह अधिकारी पारिवारिक कारणों के चलते करीब पंद्रह दिन से छुट्टी पर हैं। जिसके चलते शहर भर से लिए गए खाद्य पदार्थों के 500 नमूनों की जांच रिपोर्ट हस्ताक्षर के अभाव में अटक गई हैं।
गौरतलब है कि विभाग के फूड इंस्पेक्टर द्वारा समय-समय पर खाद्य पदार्थों के सैंपल लेकर जांच की जाती है कि शहर में कहीं अमानक खाद्य पदार्थ तो नहीं बिक रहा। लेकिन लैब टेक्नीशियन के नहीं होने से इन पदार्थों की गुणवत्ता की जानकारी तक नहीं मिल रही। बड़ी बात यह है कि लैब टेक्नीशियन की अनुपस्थिति में उनका चार्ज भी किसी के पास नहीं है।
हमेशा बनी रहती हैं पेंडेंसी
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक विभाग में पहले ही स्टाफ और संसाधनों की कमी है। एेसे में यहां शहर और आसपास के क्षेत्रों से आने वाले नमूनों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालत यह है कि यहां हमेशा करीब एक हजार से ज्यादा जांच रिपोर्ट पेंडिंग रहती है।
जांच रिपोर्ट आने तक बिक जाता है माल
सबसे बड़ी बात यह है कि विभाग में जो भी सैंपल लिए जाते हैं, उनकी रिपोर्ट आने में 20 दिन से एक महीने भी ज्यादा का समय लगता है। कई बार यह होता है कि पूरा माल बिक जाने के बाद पता चलता है कि सैंपल नेगेटिव थे। एेसे में विभाग के पास दुकानदार पर जुर्माना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता।
बारिश में ज्यादा खराब होते हैं खाद्य पदार्थ
मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. आदर्श वाजपेयी के मुताबिक बारिश के मौसम में नमी ज्यादा होती है। एेसे में खाद्य पदार्थों में फंगस का डर बना रहता है। एेसे में जरूरी है कि खाद्य पदार्थ खरीदने से पहले उसकी गुणवत्ता को जरूर जांचे। दूषित खाद्य पदार्थ के सेवन से उल्टी दस्त, फूड पॉइजनिंग से लेकर मौत तक हो सकती है।