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प्यार, पैसा और विश्वास सबकुछ था उसके पास, फिर खून से रंग लिए हाथ

locationभोपालPublished: Oct 03, 2016 03:42:11 pm

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Patrika Desk

अपने ही पति मनीष तख्तानी की हत्या करवाने वाली महिला का नाम सपना तख्तानी है।मनीष से शादी के बाद सपना तख्तानी का हर्षप्रीत के साथ प्रेम संबंध बन गया।

sapna

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भोपाल। एक खूबसूरत पढ़ी-लिखी लड़की थी वो…शादी के बाद प्यार करने वाला पति मिला, अच्छा परिवार और फिर जब बेटी हुई तो लगा जैसे सारे सपने सच हो गए। सब कुछ ठीक चल रहा था कि तभी कहानी में एक नए कैरेक्टर की एंट्री हुई। पहले तो सबकुछ ठीक रहा लेकिन फिर कदम बहक गए और ऐसे बहके की सम्हलना मुश्किल था। उसने खुद अपनी खुशियों को दांव पर लगाया और जो रास्ते में आया उसे खत्म कर दिया।
 
इस कहानी की मुख्य किरदार का नाम है सपना तख्तानी। जी हां यह भोपाल की वही सपना है जिसने अपने प्रेमी हर्षप्रीत से अपने ही पति मनीष की हत्या करवाई थी। सपना का चेहरा जितना मासूम था उसकी हकीकत उससे कहीं ज्यादा खौफनाक है…
 
 
मनीष तख्तानी का हाईप्रोफाइल मर्डर केस को भोपाल क्राइम जगत में शायद ही कोई भूल सकता है। आखिर यह इंसान किसी और के प्यार की भेंट जा चढ़ गया था। 11 नवंबर 2013 प्लाईवुड व्यापारी मनीष के लिए आम दिनों की तरह ही था। वह रोजाना की तरह सुबह उठा, पहले अखबार पढ़ा और फिर अपनी प्यारी से बेटी को गुड मार्निंग विश करने उसके कमरे में गया।
 
पापा-बेटी प्यार कर ही रहे थे कि बाहर से पत्नी की आवाज आई… मनीष आ जाइए नाश्ता तैयार है… यह आवाज और अंदाज रोजाना की तरह ही था। मनीष को इस अंदाज की आदत सी हो गई थी। वह अपने माता-पिता, पत्नी और दो साल की बेटी के साथ खुशी से जीवन जी रहा था। नाश्ता करने के बाद मनीष अपने शोरूम के जाने के लिए निकल गया। घर के बाकी सदस्य भी अपने काम में व्यस्त थे।
 
 
व्यस्तता के बीच यदि कोई खोया-खोया सा था तो वह थी मनीष की पत्नी सपना। उसके चेहरे पर अजीब सी उलझन थी, पता नहीं किसी ऊहापोह में लगी हुई थी। आम दिनों की तरह यह दिन भी गुजर रहा था। शाम हो गई, फिर रात और फिर देर रात… लेकिन मनीष अब तक घर नहीं आया था। माता-पिता इंतजार कर रहे थे और परेशान भी थे। किसी अनहोनी के डर से पिता बार-बार मनीष को फोन कर रहे थे, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया।
 
…और फिर आया फ़ोन
सपना ने भी कई बार कॉल किया पर बात नहीं हुई। सभी बैचेन थे। सुबह होने को आई पर मनीष नहीं लौटा। फिर माता-पिता ने रिश्तेदारों को फोन किया। यह सब हो ही रहा था कि अचानक फोन की घंटी बजी, आवाज आयी- क्या यह मनीष तख्तानी का घर है, जवाब मिला-हां कहिए, जी आपको एक दुखद सूचना देनी है, आपके बेटे मनीष की किसी ने गोली मार कर हत्या कर दी है और लाश को उसकी कार में ही आग लगा दी गई। इतना सुनते ही पिता के हाथ से फोन का रिसीवर छूट गया। सभी दौड़ते हुए अस्पताल पहुंचे। मनीष की लाश सामने थी। पिता, मां और रिश्तेदार रो रहे थे लेकिन सपना स्पब्ध थी। लोगों को लगा कि वह दुखी है पर पुलिस को कुछ शक हुआ।
 
 
मनीष फेमस प्लाइवुड व्यापारी था, इसलिए पुसिल ने गंभीरता से मामले की जांच की। मनीष की कार से उसका मोबाइल मिला। जिसमें एक ही नम्बर से कई बार कॉल किए जाने की जानकारी हाथ ली। पुलिस ने जांच जारी रखी। कॉल डीटेल खंगाले जा रहे थे।
 
ऐसे पकड़ में आया मामला
उधर मनीष का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार था। रिश्तेदार घर आ रहे थे। इन सबके बीच सपना का व्यवहार परिस्थितियों से परे बिल्कुल नॉर्मल था। लोगों को शक हुआ पर कोई कुछ न बोला। तभी पुलिस को लिंक मिला कि सपना और मनीष के दोस्त हर्षप्रीत की गहरी दोस्ती रही है। मनीष की आखरी बार हर्षप्रीत से ही बात हुई है। फिर पुलिस ने हर्षप्रीत की कॉल डीटेल निकाली और माजरा समझ आ गया।
 
 
हर्षप्रीत ने सपना को घटना वाले दिन कई बार कॉल किया था। सपना ने मैसेज भी किए थे, जिसमें स्पष्ट कहा था कि काम होते ही मुझे कॉल करना। इसके बाद हर्षप्रीत को पुलिस ने गिरफ्तार किया और कड़ी पूछताछ की। हर्ष टूट गया और उसने मनीष की हत्या और सपना से अपने प्रेम संबंध की बात कबूल कर ली।
 
 
ऐसे दिया घटना को अंजाम
जांच में पता चला कि हर्ष ने अपने एक दोस्त जो मनीष की दुकान का नौकर ही था उसके माध्यम से मिलने बुलाया। फिर मनीष को कार में ही सिर और पेट में गोली मारी गई थी। शिनाख्त मिटाने के लिए उसकी लाश को एक पुराने मकान में डीजल डालकर आग लगा दी। इसके बाद सपना को कॉल कर कहा कि काम हो गया है, हम जल्दी ही एक होंगे।
 
 
पुलिस ने मनीष की जेब में मिली गैस की पर्ची के आधार पर उसकी शिनाख्त की थी। मोबाइल फोन की लोकेशन लेने पर पुलिस को पता चला कि मनीष की कार कस्तूरबा नगर में लावारिस हालत में खड़ी है। पुलिस की एक टीम कार के पास पहुंची तो उस पर खून के निशान मिले थे। हत्या के पूर्व मनीष की कॉल डिटेल से पता चला कि एक ही नंबर से कई बार फोन आए थे। उस नंबर और सपना के कॉल डिटेल निकलवाई तो पूरा मामला सामने आ गया।
 
 
घर से भाग चुकी थी सपना
पुलिस ने इस हत्या की जांच में यह भी पाया जा चुका था कि एक बार पहले भी सपना प्रेमी के साथ घर से भाग चुकी थी। गुरुवार को मनीष तख्तानी हत्याकांड में जिला अदालत ने मृतक की पत्नी सपना को उम्रकैद की सजा सुनाई। फैसले के बाद जब सपना को जेल भेजा जाने लगा तो वह अपने परिजन से बातचीत में लगी रही। न्यायाधीश ने मनीष की पत्नी सपना के अलावा उसके प्रेमी हर्षप्रीत सलूजा, नौकर आमिर उर्फ अमीन को भी उम्रकैद और 11 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
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