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बिजली का बिल नहीं भरा, विभाग ने दे दिया नोड्यूज सर्टिफिकेट

locationभोपालPublished: Nov 29, 2016 08:23:00 pm

Submitted by:

rishi upadhyay

नियमानुसार वही व्यक्ति चुनाव लड सकता है, जिसके ऊपर शासन के किसी भी विभाग को कोई बकाया न हो, लेकिन एक प्रत्याशी खलील खान उर्फ डग्गा के ऊपर एमपीईबी का 38422 रूपए बकाया है

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बैरसिया/भोपाल। पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष का चुनाव शून्य होने के बाद खाली हुई जनपद पंचायत सदस्य की कुर्सी के लिए चुनाव होने वाला है। इसके लिए नाम निर्देशन फार्म जमा करने की प्रक्रिया जारी है। इसमें फार्म वापसी की अंतिम तिथि बुधवार है। इस प्रक्रिया के दौरान एक प्रत्याशी ने एमपीईबी का जो नोडयूज दिया है। वह फर्जी है। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि एमपीईबी का वहीं अधिकारी कह रहा है, जिसने पहले नोडयूज दिया था।

बैरसिया जनपद पंचायत के वार्ड 16 से अब्दुल हकीम खान जनपद पंचायत सदस्य थे। इसके बाद वह जनपद पंचायत अध्यक्ष के पद पर निर्वाचित हुए थे, लेकिन आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के कारण हाईकोर्ट ने उनका चुनाव शून्य घोषित कर दिया था। इसके बाद 25 में 24 सदस्यों से जनपद अध्यक्ष का चुनाव करा दिया गया था, लेकिन वार्ड 16 की सीट खाली थी। निर्वाचन आयोग की ओर से 10 दिसबर को जनपद पंचायत सदस्य के लिए चुनाव होना है। इसके लिए नाम निर्देशन फार्म जमा हो चुके है।

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पहले नोडयूज फिर बकाया बता दिया
इस पद के लिए कुल 8 प्रत्याशियों ने अपने नाम निर्देशन फार्म जमा किए थे। इसमें से 3 फार्म रिजेक्ट कर दिए गए है। इसमें अब्दुल हकीम नाजरा सुल्तान, खलील खान उर्फ डग्गा, दीपक खत्री, मजहर उल्ला खां, हनीफ पटेल के फार्म बचे हुए है।

इस चुनाव में शासन के नियमानुसार वही व्यक्ति चुनाव लड सकता है, जिसके ऊपर शासन के किसी भी विभाग को कोई बाकाया न हो, लेकिन एक प्रत्याशी खलील खान उर्फ डग्गा के ऊपर एमपीईबी का 38422 रूपए बकाया है, बावजूद इसके विभाग के अधिकारियों ने डग्गा को नोडूय्ज प्रमाण-पत्र दे दिया।

जब दीपक खत्री ने जब इस प्रत्याशी का बिल निकलवाया तो इस पर बकाया पाया गया। इस बकाया होने के बाद डग्गा का नाम निर्देशन पत्र स्वीकार कर लिया गया, जबकि अन्य प्रत्याशियों ने इस पर आपत्ति जताई थी।


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निर्वाचन आयोग में की शिकायत
अपत्ति के बाद भी जब डग्गा का फार्म स्वीकार कर लिया गया तो एक प्रत्याशी दीपक खत्री ने राय निवार्चन आयोग में इसकी शिकायत की है। इस शिकायत के बाद अब डग्गा का फार्म रिजेक्ट किया जाएगा या फिर नहीं यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन इस पूरे मामले में पहले नोडयूज देने वाले और फिर बाकाया बताने वाले जेई एनके सिंह की भूमिका सङ्क्षदग्ध दिखाई दे रही है।

हमारे पास जो एमपीईबी का नोडयूज है। उसी के आधार पर फार्म स्वीकार किया गया। जिस बिल में बाकाया बताया जा रहा है। उस बिल को दिखाकर बाद में आपत्ति लगाई गई है, जबकि अपत्ति का समय निकल चुका है।
-आरएल बागरी, तहसीलदार

-हमारे कम्प्यूटर में जो दिखता है। वैसा लिख दे देते है। इस मामले में भी पहले कम्प्यूटर ने नोडयूज बता दिया था। इसके बाद जब फिर से लोग बिल मांगने आए तो कम्प्यूटर में बकाया बताया गया है।
-एनके सिंह, जेई एमपीईबी ललरिया
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