गांव के कृष्ण मंदिर में सज धजकर दूल्हा बने भगवान श्रीकृष्ण पालकी में सवार होकन निकले। गाजे बाजे के साथ निकली इस बारात में ग्रामीण नाचते गाते हुए दुल्हन के घर पहुंचे।
भोपाल/टीकमगढ़। दिगौड़ा गांव मं रहने वाली 22 वर्षीय जन्मांध शालिनी ने भगवान श्रीकृष्ण को अपना सबकुछ मानकर उनके साथ विवाह किया। इस अनूठे आयोजन को लेकर पूरा गांव उत्साहित और आनंदित था। शालिनी के साथ श्रीकृष्ण के विवाह को लेकर ग्रामीणों ने किले में स्थित श्रीकृष्ण के मंदिर से बारात निकाली। गाजे बाजे के साथ यह बारात शालिनी के घर पहुंची। शालिनी के पिता मुन्नालाल ने चांदी के सिक्के को मिलाकर 101 रुपए से भगवान का टीका किया।
गांव के कृष्ण मंदिर में सज धजकर दूल्हा बने भगवान श्रीकृष्ण पालकी में सवार होकन निकले। गाजे बाजे के साथ निकली इस बारात में ग्रामीण नाचते गाते हुए दुल्हन के घर पहुंचे। गांव की ही 22 वर्षीय शालिनी ने श्रीकृष्ण को वरमाला पहनाई और सदा के लिए मीरा की तरह भगवान को समर्पित हो गईं। इश अनूठे आयोजन का साक्षी पूरा गांव बना। शालिनी के परिजनों ने बारात का स्वागत कर द्वाराचार किया।
शालिनी के पिता मुन्नालाल बिदुआ ने चांद के सिक्के से साथ 101 रुपए से भगवान का टीका किया। वरमाला के बाद चढ़ावा, भांवर, पांव पखराई और कुंवर कलेवा की रस्म की गई। इसके बाद शालिनी के परिजनों ने भगवान श्रीकृष्ण के साथ विदाई की।
पूरे गांव ने किया सहयोग
बारात, स्वागत, भोज, भण्डारा, टीका, चढ़ावा के लिे गांव के हर घर से सहयोग किया गया था। जिसे जो भी जिम्मेदारी सौंपी गई उसने पूरे समर्पण के साथ निभाया। आयोजन में महिलाएं और बच्चे भी पीछे नहीं रहे।
आगरा से आई देखने
आगरा से आई प्रियंका तिवारी का कहना था कि उन्होंने भक्त मीरा की कहानी अफनी दादी से सुनी थी। गांव का माहौल देखकर ऐसा लगा कि मीरा और कृष्ण के दरबार में आ गई हूं। वहीं राजशाही परिवार के राघवेन्द्र सिंह परमार का कहना था कि मैंने आज तक भक्त औऱ भगवान के बीच का ऐसा रिश्ता नहीं देखा। मेरा तो जीवन सफल हो गया है।