जवाहर बाल भवन… इस नाम को सुनकर भले ही आप ना चौंके लेकिन इसके काम को सुनकर जरूर चौंक जाएंगे।
विकास वर्मा@भोपाल। जवाहर बाल भवन… इस नाम को सुनकर भले ही आप ना चौंके लेकिन इसके काम को सुनकर जरूर चौंक जाएंगे। यहां आप महज 60 रुपए में बच्चे अपनी हॉबी को पूरा कर सकते हैं। शर्त यह है कि आपकी उम्र 5 से 16 बरस के बीच होनी चाहिए।
इस हॉबी सेंटर में थिएटर भी शामिल है। थिएटर को लेकर बच्चों में दीवानगी के आलम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां थिएटर सीखने के लिए बच्चे 200 किमी दूर से भी आते हैं। 12 साल की अनुराधा चौहान राघोगढ़ में रहती हैं लेकिन गर्मियों में पूरे दो महीने की छुट्टी वो अपने मौसी के घर बिताना पसंद करती है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है अनुराधा का थिएटर को लेकर प्यार।
जवाहर कला केंद्र में थिएटर सेक्शन के हेड व चर्चित रंगकर्मी केजी त्रिवेदी बताते हैं कि अनुराधा पिछले चार सालों से हर समर वेकेशन में यहां थिएटर सीखने आती है। वर्तमान में यहां करीब 90 स्टूडेंट्स हैं और यह सभी बच्चे मिडिल क्लास या लोअर मिडिल क्लास के हैं। वहीं इस हॉबी सेंटर में अपर क्लास के महज 5 प्रतिशत बच्चे ही आते हैं। वर्तमान में यहां रशियन राइटर की कविता पर आधारित नाटक ‘किस्सा मछुआरे और सोने की मछली का’ और असगर वजाहत की कहानी पर आधारित नाटक ‘हड्डी’ की प्रैक्टिस चल रही है।
अब टीवी पर नजर आ रहे हैं बच्चे
वर्ष 1998 में शुरु हुए इस हॉबी सेंटर में अब तक अनगिनत बच्चे थिएटर सीख सीखकर जा चुके है। यहां से निकले बच्चे आज एनएसडी, एफटीआई, बॉलीवुड, डेली सोप्स और डायरेक्शन के फील्ड में नाम कमा रहे हैं। वहीं शहर के ज्यादातर यंग थिएटर आर्टिस्ट ने इसी हॉबी सेंटर से थिएटर की शुरुआती तालीम हासिल की है। इन दिनों सोनी टीवी पर चल रहे कार्यक्रम सबसे बड़ा कलाकार के पार्टिसिपेंट धु्रव आचार्य भी बाल भवन में एक्टिंग सीखते थे।