कभी बांधवगढ़ के ग्रामीण इलाकों के लिए मुसीबत बना बंधु अब राजधानी भोपाल में दहाड़ेगा। वन विहार प्रबंधन के फैसले के बाद बाघ ‘बंधु’ को बाड़े में रखे जाने का रास्ता साफ हो गया है।
भोपाल। कभी बांधवगढ़ के ग्रामीण इलाकों के लिए मुसीबत बना बंधु अब राजधानी भोपाल में दहाड़ेगा। वन विहार प्रबंधन के फैसले के बाद बाघ ‘बंधु’ को बाड़े में रखे जाने का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें कि बंधु वही आदमखोर बाघ है जिसे कुछ दिनों पहले ही उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बंधु को राजधानी के वन विहार के डिस्पले बाड़े में मंगलवार को लाया गया है।
आदमखोर बाघ है बंधु
अपनी मां से 14 महीने की आयु में अलग हुए बाघ शावक बंधु और एक अन्य शावक ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में आतंक मचा दिया था। बंधु समेत एक अन्य शावकों ने कुछ ग्रामीणों पर हमला किया था। इसके साथ ही पालतू पशुओं को भी अपना निशाना बनाया था। लगातार बढ़ती घटनाओं और ग्रामीणों के लिए खतरा बन चुके बंधु और एक अन्य शावक को आदमखोर घोषित कर दिया गया था। दूसरे शावक को मुकुंदपुर टाइगर सफारी में खुले में छोड़ा गया है, जबकि उम्रकैद की सजा पाए बंधु के लिए सलाखों को चुना गया है।
वन विहार में सुनाई देगी बंधु की दहाड़
वन विहार नेशनल पार्क में बंधु को डिस्पले बाड़े में देखा जा सकेगा। मंगलवार को बाड़े में लाए गए बंधु को पर्यटकों की पसंद माना जा रहा है। इससे पहले बंधु के पास घूमने के लिए बांधवगढ़ का तीन हेक्टेयर का इलाका था। फिलहाल इसे एक छोटे बाड़े में रखा गया है। जहां बंधु बाघ के व्यवहार और स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा।
बंधु को जिस बाड़े में रखा गया है, उसमें पहले कान्हा बाघ को रखा गया था। कान्हा को विशेष ब्रीडिंग प्रोग्राम के लिए अलग बाड़े में रखा गया है। कान्हा के खाली बाड़े में अब बंधु का राज है। बंधु को 15 अगस्त के दिन डिस्पले बाड़े में भेजा जाना था। लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से बंधु को एक हफ्ते और छोटे बाड़े में रहना पड़ा।
शांत है बंधु, पर पसंद नहीं किसी की मौजूदगी
वन विहार प्रबंधन के अधिकारियों के मुताबिक बंधु आमतौर पर काफी शांत रहता है, लेकिन उसे भीड़भाड़ पसंद नहीं है। यहां तक कि किसी इंसान के पास आने पर भी वह असहज हो जाता है। हाल ही में ट्रांसलोकेशन के लिए पिंजरे में लाने के प्रयास में वन विहार के अधिकारियों को तीन दिन का इंतजार करना पड़ा।
पहली बार होगी इंसानों की भीड़ से मुलाकात
बंधु अपनी मां से 14 महीने की उम्र में अलग हो गया था। इसके बाद बंधु ने ग्रामीण इलाकों में कुछ इंसानों पर हमला कर दिया था। जिसेक बाद उसे आदमखोर घोषित कर दिया गया था। आदमखोर घोषित करने के बाद से वह इंसानों से दूर था। लम्बे समय बाद बंधु फिर से इंसानों के करीब होगा। लिहाजा उसके व्यवहार में अंतर होना स्वाभाविक है। वन्य प्राणी विशेषज्ञ भी इस बात पर नजर बनाए हुए हैं कि वो डिस्पले बाड़े में इंसानों को देखकर क्या प्रतिक्रिया देगा।